आज के समय में जिस भी चीज की कमी लोगों को होती है तो वह कहते हैं कि इस चीज का आविष्कार हो जाए, तो अच्छा हो। इसी प्रकार से जब किसी जरुरत की चीज की बात आती है तब लोग कहते हैं कि इस वस्तु के लिए वैज्ञानिकों को आपस में बात करनी चाहिए ताकि कोई परिणाम निकल सके। कुल मिला कर आज के समय में सभी लोग बस आराम से बैठना चाहते हैं न की कुछ करना, पर आज हम आपको एक ऐसे कम पढ़े लिखें किसान के बारे में बताने जा रहें हैं जिसने अपने कारनामे से कृषि वैज्ञानिकों को चकित कर दिया है, तो आइए जानते हैं इस किसान तथा इसकी खोजों के बारे में।
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सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि इस किसान का नाम “जय प्रकाश सिंह” है और ये महज 9 वीं क्लास तक ही पढ़ें हैं। जय प्रकाश बनारस के तदिया गांव के निवासी हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जय प्रकाश पिछले 20 वर्षों से फसल पर रिसर्च कर रहें हैं तथा उनका बनाया एक “जीन बैंक” भी है और अपने रिसर्च की बदौलत जय प्रकाश ने धान की 460 किस्में तथा अरहर की 50 प्रकार की दालों की खोज की है। इसके अलावा जय प्रकाश ने 120 तरह के गेंहू और 4 प्रकार की सरसों की खोज भी की है, इसकी वजह से वर्तमान में कृषि वैज्ञानिक भी बहुत चकित हैं। आपको हम बता दें कि जय प्रकाश की इस रिसर्च को पूरा करने में 2 पूर्व राष्ट्रपतियों ने उनकी मदद की है। इस प्रकार से देखा जाए तो जय प्रकाश जैसे लोगों ने यह सिद्ध किया है कि प्रतिभा किसी तरह की स्कूली डिग्री की महोताज नहीं होती है, यदि आप में अपने कार्य के प्रति लगन तथा जुनून है, तो आपके लिए प्रकृति अपने रास्ते खोल ही देती है।