हमारे देश में कई ऐसे स्थान हैं जहां के बारे में जानकर लोग चकित हो जाते हैं, ऐसे ही एक स्थान के बारे में हम आपको जानकारी दें रहें हैं, जहां पर केसर तथा चंदन की बारिश होती है। जी हां, यह सच है आज हम आपको इस स्थान के ही बारे में बता रहें हैं। इस स्थान की एक खास बात यह है कि यह एक खूबसूरत स्थान है तथा एक धार्मिक स्थान भी है। आइए अब आपको इस स्थान के बारे में विस्तार से बताते हैं।
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मुक्तागिरी नामक यह स्थान मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की भैंसदेही में थपोड़ा गांव में स्थित है। इस स्थान पर जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय के 52 मंदिर भी स्थित है, जो की अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर इस स्थान को खूबसूरत बनाने में अपना अहम योगदान देते हैं।
इन मंदिरों में लोग मानसिक शांति का अनुभव करते हैं, पर केसर तथा चंदन की बारिश होने के पीछे एक प्राचीन घटना का उल्लेख मिलता है, ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस स्थान पर एक जैन मुनि ध्यान में स्थित थे और उसी समय कहीं से उनके सामने एक मरा हुआ मेढ़क आकर गिरा।
मुनि की आंख खुली और उन्होंने उस मरे मेढ़क के कान में “णमोकार” मंत्र पढ़ा, जिसके बाद में वह जीवित होकर देवता बना गया तथा मोक्ष को प्राप्त हो गया। इसी दिन को यहां पर “निर्वाण दिवस” कहा जाता है तथा इस दिन आकाश से देवतागण चन्दन तथा केसर मिश्रित द्रव्य की वर्षा करते हैं, यहां के मंदिरों की प्रतिमाओं पर इस द्रव्य के छीटें लोगों को इस दिन देखने को मिलते हैं। 52 मंदिरों में से 10 मंदिरों में आप यह बारिश साफ देख सकते हैं।