ये नियम देंगे आपके जीवन को सही दिशा

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हिंदू परंपरा में कई ऐसी मान्यताएं हैं जिनको अपनाने से जीवन आसान और काफी सरल बन जाता है। इन परंपराओं का जिक्र वास्तुशास्त्र में भी मिलता है। कई सारे ऐसे वास्तु टिप्स हैं जिन्हें कई वर्षों से महत्व दिया जा रहा है। जिस कारण ही यह वास्तुशास्त्र के नियम हमें अब अपनी परंपरा का हिस्सा लगने लगे हैं। आज हम वास्तुशास्त्र के कई ऐसे नियमों को उजागर करेंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन को सही दिशा दे सकते हैं। चलिए जानते हैं कि हमें सूर्योदय से लेकर सूर्य के अस्त तक क्या-क्या काम करना चाहिए।

1- रात्रि 12 बजे से लेकर सुबह 3 बजे तक के समय में सूर्य धरती के उत्तरी भाग में रहता है। यह समय बेहद की गोपनीय माना गया है। इसलिए उत्तर दिशा में इस समय कीमती वस्तुओं को संभाल कर रखना चाहिए।
2- इसके बाद सुबह 3 से 6 बजे तक को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। इस काल में सूर्य पृथ्वी के उत्तरी और पूर्वी भाग में होता है। इस दौरान अध्ययन और पूजा पाठ करना चाहिए।

1Image Source: http://teatrinity.org/

3- इसके बाद 6 से 9 बजे तक सूर्य पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में होता है। इसलिए इस दौरान घर में पूरी रोशनी आनी चाहिए।
4- दिन में 9 से 12 बजे तक सूर्य धरती के दक्षिण पूर्व में स्थित होता है। इस समय में भोजन पकाना चाहिए। साथ ही इस समय की रोशनी घर के रसोई घर और स्नानघरों पर पड़नी चाहिए ताकि यह स्थान सूख सके।
5- दोपहर 12 से 3 के समय को विश्रांति काल कहा जाता है। इस दौरान आराम करना चाहिए।
6- दिन में 3 से शाम के 6 बजे तक सूर्य की दिशा दक्षिण पश्चिम होती है। ऐसे में पढ़ाई का काम करना चाहिए।
7- शाम 6 से रात 9 बजे तक का समय पढ़ने और भोजन करने का होता है। इस दौरान घर के पश्चिमी कोने में ही भोजन करना चाहिए।
8- रात 9 से 12 बजे तक के समय सूर्य उत्तर पश्चिम में होता है। यह समय शयन के लिए जरूरी है।

vikas Arya
vikas Aryahttp://wahgazab.com
समाचार पत्र पंजाब केसरी में पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। कई वर्षो से पत्रकारिता जगत में सामाजिक कुरीतियों और देश दुनिया के मुख्य विषयों पर लेखों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं। अब मेरा प्रयास है कि मैं ऑनलाइन मीडिया पर भी अपने लेखों से लोगों में नई सोच और नई चेतना का संचार कर सकूं।

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