जब कभी भी हम जींस खरीदते हैं तो कई बातों पर ध्यान देते हैं जैसे उसका शेप कैसा है, कलर कौन सा अच्छा रहेगा, जींस में बटन चाहिए या जिप। इन सब के बीच अगर आपका ध्यान कभी जींस की पॉकेट पर लगे बटनों पर गया होगा तो आपके मन में यह विचार आया होगा कि आखिर ये बटन शायद सिर्फ स्टाइल के लिए लगाए जाते हैं। आपको बता दें कि वास्तव में ऐसा नहीं है। इन बटनों को लगाने के पीछे के कारण को जानने के लिए हमें इतिहास में कुछ पीछे जाना होगा। तो आइये जानते हैं पिछले समय में क्या होता था।
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असल में पहले के समय में जींस सिर्फ श्रमिक वर्ग ही पहनता था। उन्हें कठिन और मेहनत का कार्य करना होता था। इस कारण से उनकी जेबें फट जाना बहुत ही आम बात थी, परंतु श्रमिकों के लिए पॉकेट्स होना जरूरी था। ऐसे में पॉकेट्स के फटने से इनको समस्या का सामना करना पड़ता था। उस समय जैकब डेविस नाम के टेलर को एक आइडिया आया और उन्होंने 1873 में जींस के डिजाइन में कुछ ऐसा बदलाव किया जो आज भी चला आ रहा है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि टेलर जैकब उस समय Levi Strauss & Co.( जो आज Levi’s के नाम से प्रसिद्ध है) के कस्टमर थे।
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जैकब ने जींस के पॉकेट पर धातु से बने बटन लगाए, जिसके कारण जींस की पॉकेट कसी रहती थी और फटती नहीं थी। जैकब अपने इस आइडिया को पेटेंट करना चाहते थे पर उनके पास पैसे का अभाव था इसलिए उस समय उन्होंने 1872 में Levi Strauss को पत्र लिख कर अपना आइडिया उनको बेचने का प्रस्ताव रख। शर्त बस यह थी कि Levi Strauss उनको इस आइडिया को पेटेंट कराने के लिए पैसा उपलब्ध करा दें। बस उस समय से ही ये छोटे बटन हमारी जींस का हिस्सा बन चुके हैं।