राजस्थान विधानसभा पर है भूतों का साया, विधायको में पसरा डर का माहौल

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आपने अभी तक पुरानी इमारतों में भूत होने की बात सुनी होगी, पर हाल ही राजस्थान की विधानसभा की ईमारत पर भी भूतों का साया होने की बात सामने आई है। यह बात आपको काफी हास्यपद लग सकती है। मगर इस बात की पुष्टी मीडिया द्वारा सार्वजनिक तौर पर की गई है। आलम कुछ ऐसा है कि विधायकों को राजस्थान विधानसभा का भवन भूतिया सा लगने लगा है। इसका कारण बताते हुए कई विधायक ने कहा कि “वर्ष 2000 में राजस्थान विधानसभा इस नई ईमारत में शिफ्ट हुई थी और तब से लेकर आज तक कभी भी इसमें 200 विधायकों की संख्या पूरी नहीं हुई है।”

आपको बता दें कि विधान सभा में कुल विधायक 200 हैं, पर पिछले 18 वर्ष में यहां कभी भी 200 की संख्या पूरी नहीं हो पाई है। कभी कोई विधायक जेल चला जाता है और कभी किसी की मृत्यु हो गई। अब वर्तमान विधायक इस भवन में पूजापाठ कराने तथा पुरे भवन को गंगाजल से धोने की बात कह रहें हैं। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल तथा मुख्यमंत्री बसुंधरा राजे से भी विधायकों ने विधान भवन में पूजापाठ कराने के लिए कहा है।

राजस्थान विधानसभा Image source:

राजस्थान विधानसभा के भवन के संबंध में भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालूलाल गुर्जर का कहना है कि “यह विधान भवन असल में श्मशान की भूमि पर निर्मित किया गया है। यही कारण है कि इस स्थान पर कभी भी 200 की संख्या पूरी नहीं हो पाई। यहां पर मृत लोगों की आत्माएं घूमती हैं। हम लोगों ने मान्य मुख्यमंत्री जी से यहां पूजापाठ कराने को कहा है। इसके बाद नवग्रह अनुष्ठान होगा तथा उसके बाद ब्राह्मण भोज कराया जायेगा।” बीजेपी के एक अन्य विधायक हबीबुर्रहमान ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। वे कहते हैं कि “हमने वसुंदरा जी से पूजापाठ कराने को कहा है।

इसके बाद मौलवी से इस स्थान की शुद्धि कराई जाए। जब विधानसभा पुराने से नए भवन में आई थी तो मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व.भैरोंसिंह शेखावत से कहा था कि यहां पूजन अनुष्ठान कराइये क्योंकि यह स्थान श्मशान भूमि का है तथा यहां मजार भी थी। लेकिन मेरी बात मानी नहीं गई और तब से आज तक यहां कभी भी 200 विधायक साथ नहीं बैठ पाएं।” खैर बात चाहे जो भी हो वर्तमान में लोग सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर काफी ट्रोल कर रहें हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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