उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिरता को भांपने के लिए पीएम मोदी ने दिल्ली में बैठक बुलाई, जिसमें यूपी के बीजेपी सांसद भी मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी के दो सवाल सुनकर सांसदों का सिर चकरा गया। मोदी ने सांसदों से पूछा कि एनडीए के सत्ता में आने के बाद निर्वाचन क्षेत्रों के कितने गांवों में बिजली की सुविधा पहुंची और कितने लोगों ने दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत सरकारी प्रोग्राम लेने के लिए पीएमओ की ऐप अपने फोन में डाउनलोड की? प्रधानमंत्री के इन दो सवालों के जवाब किसी भी सांसद के पास नहीं थे, जिससे पीएम काफी हताश हुए।
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पीएम के इस सवाल का जवाब था कि एनडीए के सत्ता में आने के बाद 1,529 गांवों में से 1,248 गांवों का विद्युतीकरण हुआ है। वहीं सांसदों की स्थिति से हताश पीएम ने उन्हें समझाते हुए कहा कि ये जानकारियां सांसदों की उंगलियों पर होनी चाहिए, वरना उन्हें इस बात का पता ही नहीं चलेगा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में क्या-क्या फायदे हुए हैं। इसके बाद बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सभी सांसद 2017 में आने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में अभी से लग जाएं।
विद्युतीकरण योजना की जागरूकता के लिए सांसदों को दिन भर कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी गई। अमित शाह ने कड़े शब्दों में कहा कि केंद्रीय योजनाओं में होने वाले फायदों का श्रेय मोदी सरकार को जाएगा। यह राज्य सरकार के खाते में बिल्कुल नहीं जाएगा। अमित शाह ने गरीबी रेखा के अंतर्गत आने वाली महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘ उज्ज्वला रसोई गैस स्कीम ’ के बारे में भी जिक्र किया और कहा कि इसका फायदा ग्रामीण इलाकों में होगा। उन्होंने ये भी कहा कि सोशल मीडिया को नजरअंदाज ना करें। पार्टी विधायकों को कम से कम 25,000 और सांसदों को 50,000 लाइक्स जुटाने चाहिए।