मोबाइल कभी कभी मुसीवत भी बन जाता है हालही में यह पुलिसकर्मियों के लिए नई मुसीवत बन गया। सबसे पहले आपको हम बता दें की यह घटना छत्तीसगढ़ के विलासपुर की है। असल में हुआ यह की बीते मंगलवार के दिन मस्तूरी थाने से एक आबकारी एक्ट में पकड़ा गया व्यक्ति भाग निकला। ख़ास बात यह थी की पुलिस वालों को अपराधी के भागने की कोई खबर नहीं हुई। जब अपराधी को जेल भेजने की कवायद शुरू हुई तब कहीं पुलिस वालों को उसकी याद आई लेकिन तब तक वह थाने से भाग निकला। इसके बाद में पुलिसकर्मियों ने उस व्यक्ति को पकड़ने की दोवारा से तैयारी शुरू कर दी। पुलिस की और से उस अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। लेकिन उसके भागने के मामले में थाने के 2 आरक्षकों की लापरवाही सामने आई है।
मोबाइल में व्यस्त थे पुलिसकर्मी –
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यह घटना दोपहर 12.30 बजे की बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो पुलिसकर्मियों ने ग्राम रिस्दा के हिर्री रोड निवासी चैतराम बंजारे पिता मिश्रीलाल बंजारे के पास से 6 लीटर महुआ की देशी शराब जब्द की थी। इसके बाद में चैतराम को थाने में लाया गया तथा उसके ऊपर धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। उस समय थाने में हवलदार कांतिलाल वानी चैतराम को जेल में भेजने के लिए आवश्यक कागज़ बना रहा था। तब चैतराम को मुलाहिजा के लिए अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल में मुलाहिजा होने के बाद चैतराम को फिर से थाने में लाया गया। उस वक्त थाने में आरक्षक सुनील दिवाकर व आरक्षक सुभाष लुनिया ड्यूटी पर थे। ये दोनों की आरक्षक उस समय अपने अपने मोबाइल में व्यस्त थे। इस बात का ही फायदा चैतराम ने उठाया तथा वह उनकी नज़रों से बचकर थाने से निकल गया। दोपहर के बाद जब एएसआइ दादूरैया सिंह थाने में पहुचें। तब तक वह भाग चुका था। लिहाजा उसकी खोजबीन शुरू की गई तथा पुलिस के लोग चैतराम की पतासाजी करने उसके घर तथा आसपास के मुहल्लों में घूमते रहे। पुलिसकर्मियों की यह कवायद बेकार ही सावित हुई क्युकी उसका पता नहीं लग सका। इसके बाद में एएसआइ दादूरैया सिंह ने चैतराम के खिलाफ धारा 224 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया।
2 पुलिसकर्मियों के ऊपर होगी कार्यवाही –
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आपको बता दें की जिस समय चैतराम को थाने में लाया गया था। उस समय डे ऑफिसर के साथ में हवलदार तथा अन्य पुलिसकर्मी भी थाने में मौजूद थे। चैतराम के साथ में 2 अन्य अपराधी भी थे। उस समय थाने में आने जाने वालों की भीड़ लगी हुई थी। इस वजह से चैतराम पर कोई नजर नहीं रखी जा सकी। चैतराम के भाग जाने का ठीकरा उस समय ड्यूटी पर मौजूद 2 आरक्षकों के सिर पर फूटा। दोनों आरक्षकों पर लापरवाही वरतने का आरोप लगाया गया तथा उनके ऊपर कार्यवाही लो जा रही है। इस प्रकार से एक मोबाइल 2 पुलिस के लोगों पर भारी पद गया।