जैसा की आप जानते ही हैं कि इन दिनों अपने देश के कई हिस्से पानी की कमी से जूझ रहे हैं । जिनमें अभी लातूर और बुन्देखण्ड का नाम काफी आया था, इन हिस्सों में पानी की कमी तो है ही पर देश के अन्य हिस्सों में भी पानी की कमी की खबरों का बड़ा बाजार है। आज हम आपको बता रहें अपने देश के एक ऐसे ही हिस्से के बारे में जहां पर पानी की किल्लत के साथ ही सरकारी मदद का भी आभाव है, इसलिए वहां के लोगों ने अपनी मदद स्वयं करने की सोची और चीर डाला पहाड़ का सीना।
क्या है पूरा मामला –
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मामला है देश के राज्य छत्तीसगढ़ का, यहां की राजधानी रायपुर के करीब 120 किमी दूर कवर्धा और यहां से भी करीब 70 किमी दूर पीपरटोला नामक गांव है। इस गांव में अधिकतर आदिवासी ही रहते हैं। इस गांव में पानी की जरुरत को पूरा करने के लिए 8 बोर थे पर गर्मी के कारण सभी धीरे-धीरे सूखने लगे। जब सभी बोर में पानी ख़त्म हो गया तो इन आदिवासी लोगों ने सरकारी दफ्तरों पर भी चक्कर लगाए पर वहां से इनको कोई मदद नहीं मिली। जिसके कारण ये बहुत निराश हुए। अचानक फिर इन लोगों ने खुद अपनी मदद करने का फैसला लिया और पहाड़ को काट कर पानी निकलने के लिए कार्य शुरू कर दिया। इस कार्य में कुल 40 लोग शामिल हुए जिनमे कुछ स्त्रियां भी थी।
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इन सभी लोगों ने दिन रात 24 दिनों तक मेहनत की और पहाड़ को काट डाला। 26 वें दिन 45 फ़ीट गहरा गढ्ढा होने पर उसमें से पानी रिसना शुरू हो गया। इन लोगों ने अभी भी खुदाई जारी रखी हुई है ताकि गढ्ढा और भी ज्यादा गहरा हो सके और साफ़ पानी आ सकें।