स्वच्छ भारत अभियान तो भारत में बहुत जोरों से चल रहा है, पर अपने देश की एक जगह ऐसी भी है जहां पर लोग अपने टॉयलेट का उपयोग किचन और दुकान चलने के लिए करते है, वैसे तो वर्तमान में टीवी से लेकर न्यूज पेपर में स्वच्छ भारत अभियान के बहुत से विज्ञापन आते हैं, पर क्या यह विज्ञापन वास्तव में लोगों को स्वच्छता की ओर ले जा रहे हैं और क्या सरकार के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का सही उपयोग किया जा रहा है? यह एक बड़ा सवाल है। आज हम आपको इस बारे में ही अपने इस आलेख में बता रहें हैं कि सरकार द्वारा दी जा रही सहायता का किस प्रकार के लोग उपयोग कर रहें है।
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घटना है मध्य प्रदेश राज्य के छत्तरपुर के एक गावं की है। यहां पर रहने वाले दिनेश यादव के घर में टॉयलेट का उपयोग किचन के रूप में किया जा रहा है। असल में दिनेश का कहना है कि टॉयलेट तो सरकार ने बनवा दी हैं पर हमारे ग्राम प्रधान शायद इसका सेप्टिक टैंक बनवाना भूल गए हैं, तो कुल मिलाकर दिनेश यादव के घर का टॉयलेट बंद पड़ा है और फिलहाल वे इसका उपयोग किचन के रूप में कर रहे हैं।
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इसी क्षेत्र में रहने वाले लक्ष्मण कुमार कुशवाह के घर में भी सरकारी सहायता से एक टॉयलेट और उसका टेंक बना था, पर यह इतना छोटा है कि इसका उपयोग किया ही नहीं जा सकता है इसलिए लक्ष्मण सिंह टॉयलेट का इस्तेमाल एक दुकान के रूप में करने लगे है। यह मामला अब एडीएम छत्तरपुर और सीईओ जिला पंचायत के पास पहुंच चुका है और उनका कहना है कि वे कोशिश कर रहें हैं कि इस योजना में बने टॉयलेट के उपयोग की जांच हो और जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए।