जिस जगह पर कोई जुर्म होता है वहां अक्सर पुलिस को लिपस्टिक के निशान सुराग के तौर पर मिलते हैं। आपने फिल्मों में और जासूसी कहानियों में कई बार ऐसा देखा होगा कि कैसे जासूस लिपस्टिक के दाग से अपराधी का पता लगाने में कामयाबी हासिल करता है, लेकिन असल ज़िन्दगी में लिपस्टिक के दाग से जुर्म की गुत्थी सुलझाना इतना आसान नहीं है। इस काम को करने में फोरेंसिक लैब में काम करने वाले वैज्ञानिकों को काफी दिक्कत आती है। साथ ही लिपस्टिक के दाग से कोई जानकारी निकालने की जो मौजूदा विधियां हैं, वह काफी अधिक महंगी व दुष्कर हैं। इन विधियों में एक्स रे या रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी आते हैं। इस तरह से जांच करने में विशेष तरह के उपकरण और टेस्टों की आवश्यकता होती है, लेकिन इन चीज़ों की आपूर्ति काफी कम हो पाती है और साथ ही फोरेंसिक लैब्स का काम भी काफी बढ़ जाता है।
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अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आविष्कार किया है जिसकी मदद से क्राइम सीन से प्राप्त लिपस्टिक के दागों से जुर्म की गुत्थी को आसानी से सुलझाया जा सकता है। साथ ही इस विधि की सहायता से संदिग्ध लोगों की संख्या भी घट पाएगी। कई वर्षों से फोरेंसिक साइंटिस्ट इस काम में लगे हैं कि कैसे लिपस्टिक के दाग से अपराधी का सबसे आसान और कम समय में पता लगा सकें। इसके लिए वह लिपस्टिक के निशानों का केमिकल मिश्रण में विश्लेषण करते हैं।
अमेरिका के वेस्टर्न इलिनॉइस विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने लिपस्टिक के दागों से अपराधी तक पहुंचने के लिए ही इस नए तरीके को इजाद किया है। इस विधि को दो हिस्सों में बांटा गया है। सबसे पहले वह लिपस्टिक पर एक जैविक सोल्युशन डालते हैं। इससे लिपस्टिक में मौजूद मोम और तेल हट जाता है। इसके बाद लिपस्टिक पर साधारण जैविक सोल्युशन मिलाया जाता है। यह सोल्युशन लिपस्टिक के बाकी अवशेषों को अपनी जगह से उठा लेता है।
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वैज्ञानिक ब्रायन बेल्ट के अनुसार, फिलहाल वह अभी सिर्फ कागज़ के ऊपर ही सभी नमूने जमा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में क्राइम सीन से दूसरे तरीकों से भी नमूने इकट्ठे करने की उम्मीद की जा रही है। जब सभी नमूने जमा कर लिए गए उसके बाद रिसर्चर्स ने कॉस्मेटिक्स के विश्लेषण के लिए एक तेज और प्रभावी नतीजे देने वाले तरीके पर काम किया।
उलझा देने वाले इस प्रशिक्षण की विधि से बचने के लिए टीम ने तीन प्रकार के क्रोमेटोग्राफी टेस्ट किए। इसमें पहली पतली परत क्रोमेटोग्राफी, दूसरी गैस क्रोमेटोग्राफी व तीसरी उच्च प्रदर्शन लिक्विड क्रोमेटोग्राफी हैं। गैस व हाई लिक्विड प्रदर्शन का तरीका सिर्फ मशीन में नमूनों को लगाने भर से ही रिजल्ट दे देता है। इस टेस्ट के नतीजे आसानी से कंप्यूटर पर देखे जा सकते हैं। पतली लेयर क्रोमेटोग्राफी में एक ख़ास तरह के अल्ट्रा वायलेट किरणों से विश्लेषण किया जाता है।