गुजरात के कमाटीबाग में स्थित बड़ौदा म्यूजियम में आजकल तालों की प्रदर्शनी लगी है। यहां एक से बढ़कर एक ताले दर्शकों के लिए रखे हैं। यहां पर 500 से अधिक प्रकार के ताले रखे हैं। इस प्रदर्शनी में आप 40 किलो वजन तक के ताले भी देख सकते हैं, जो सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
यह है 40 किलो के ताले की खासियत-
इस ताले में यूं तो कई खासियत हैं पर इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें 8 चाबियां लगती हैं। यदि आपको इस ताले को खोलना है तो आपको इसमें 8 प्रकार की अलग-अलग चाबियां लगानी पड़ेंगी। यह ताला लगभग 200 साल पुराना है। जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि यह गुजरात के किसी नवाब की हवेली का ताला है। यह ताला नवाब के खजाने के दरवाजे पर लगा करता था और इसकी 8 चाबियां घर के 8 सदस्यों के पास रहती थी ताकि कोई खजाने की चोरी न कर सके।
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150 सालों से यह परिवार संग्रह कर रहा है ताले-
इस ताले की बात करें तो यह ताला गुजरात के हमीरपुरा गांव के स्व. गोपाल भाई पटेल ने करीब 150 साल पहले खरीदा था। उनको ऐसे पुराने ताले इकट्ठा करने का बहुत ज्यादा शौक था। उनके गुजर जाने के बाद भी उनके दोनों लड़कों धर्मा भाई और दशरथ भाई ने इस प्रकार के तालों का संग्रह करना नहीं छोड़ा। इसलिए अब इस परिवार के पास करीब 500 प्रकार के प्राचीन ताले हैं।