भारत में हिंदू और मुस्लिम लोगों के बीच में कई चीजों को लेकर भले ही अलग-अलग धारणा हो पर कई मामलों में यह एक ही नजर आते हैं। कुछ मुस्लिम महिलाओं ने मंदिर में रुद्राभिषेक कर इस बात को पुख्ता कर दिया है। जी हां, हाल ही में मंदिर में जाकर कुछ मुस्लिम महिलाओं ने रुद्राभिषेक कर सभी की खुशहाली की दुआ मांग कर भाईचारे का संदेश समाज को दिया है। आज के समय में जब मंदिर-मस्जिद तथा अजान का मुद्दा मीडिया में छाया हुआ है, तब इन मुस्लिम महिलाओं द्वारा अपने से भिन्न धर्म के धार्मिक स्थान में जाकर पूजन आदि करना सभी कट्टरवादियों के लिए बड़ा सबक है।
आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि लखनऊ के एक मुस्लिम परिवार की महिलाओं द्वारा “महोठे रानी के मंदिर” में जाकर रुद्राभिषेक तथा पूजन किया गया। मंदिर में पूजन के उपरांत महिलाओं ने “हर हर महादेव” के नारे भी लगाए।
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यह सभी महिलाएं लखनऊ के मोहल्ला चौक में रहने वाले अरशद वारिस के घर की थी और इन्होंने कमलापुर में स्थित “महोठे रानी मंदिर” में जाकर रुद्राभिषेक किया तथा सनातन परंपरा के अनुसार पूजन का कार्य भी किया। मंदिर में इन महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से मिट्टी की मटकी में मालपुआ लाकर मंदिर की देवी को अर्पित किए। मंदिर में पूजन करने वाली इन महिलाओं में से एक “सालिया वारिस” ने इस अवसर पर कहा कि जब बहुत बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग हमारे धार्मिक स्थलों पर आ सकते हैं, तो हम उनके धार्मिक स्थलों पर क्यों नहीं जा सकते हैं। सालिया वारिस ने आगे कहा कि हमारे परिवार में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है तथा मेरी तथा मेरे परिवार की मां महोठे रानी में बहुत आस्था है। इस मंदिर में मैं पहले भी आ चुकी हूं। मंदिर में पूजन कर महिलाओं ने अपने सुहाग की रक्षा की दुआ मांगी तथा यह उम्मीद जताई कि जल्द ही “ट्रिपल तलाक” भी खत्म हो जाएगा। इस प्रकार से इन मुस्लिम महिलाओं के द्वारा हिंदू तथा मुस्लिम दोनों ही समाज के लोगों को एक संदेश दिया गया है, जिसके अनुसार यदि सभी लोग एक दूसरे के साथ न सिर्फ सामाजिक स्तर पर बल्कि धार्मिक स्तर पर भी खड़े होने चाहिए, तब ही समाज तथा दोनों पक्षों का विकास संभव है।