आपने बहुत से मंदिर देखें होंगे। वहां भगवान की कई प्रतिमाएं भी आपने देखी ही होंगी, पर आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बता रहें हैं वहां प्रतिमा के रूप में सिर्फ भगवान की मुखाकृति ही रखी हुई है। आपको सबसे पहले हम बता दें कि इस मंदिर का नाम “रुद्रनाथ मंदिर” है और यह मंदिर उत्तराखंड के चमौली जिले में है।
आपको हम यह भी बता दें कि यह मंदिर पांच केदारों में स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में भगवान शिव के सिर्फ मुख की उपासना होती है तथा संपूर्ण शरीर का पूजन नेपाल स्थित पशुपति नाथ मंदिर में होता है। रुद्रनाथ मंदिर नामक यह मंदिर पांच केदारों में चौथे स्थान पर आता है।
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रुद्रनाथ मंदिर असल में एक प्राकृतिक रूप से बनी गुफा में ही निर्मित है। इस मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक अत्यंत दुर्लभ और प्राचीन प्रतिमा है। इस प्रतिमा का सिर थोड़ा सा झुका हुआ है। मान्यता है कि यह शिव प्रतिमा स्वयं भू है अर्थात् यह स्वयं ही इस स्थान पर प्रकट हुई थी। रुद्रनाथ मंदिर के पास में ही पांच पांडवों के छोटे-छोटे मंदिर भी बने हैं।
इस मंदिर से पहले “नारद कुंड” नामक एक जल कुंड स्थित है। इस जल कुंड में यहां आने वाले यात्री स्नान कर अपनी थकान मिटाते हैं और उसके बाद रुद्रनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर के चारों ओर का वातावरण तथा प्रकृति इतना सुंदर है कि उसको शब्दों में बांधा नहीं जा सकता है।
यहां पहुंच कर आप इस स्थान की अलौकिकता को अनुभव कर सकते हों। इस मंदिर के पुजारी आने वाले यात्रियों की हर संभव मदद करते हैं, पर आपको यहां रात के लिए टैंट तथा भोजन स्वयं ही लाना होता है। शीतकाल में इस मंदिर की गद्दी गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में लाई जाती है। इस मंदिर में पहुंचने के बाद आप यहां की शांति को स्वयं ही अनुभव करके देख सकते हैं। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के मुख का ही पूजन होता है, यही इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है।