आपने कई प्रकार के मुकदमों के बारे में सुना होगा, पर क्या आपने किसी ऐसे मुकदमे के बारे सुना है जिसको बंदर ने किया हो? यदि नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे ही मुकदमे के बारे में बता रहें हैं जिसको बंदर ने ही किया है। देखा जाएं तो यह बात काफी अजीबोगरीब है कि बंदर ने किसी पर मुकदमा कर दिया हो, पर असल में यह बात सही है। बंदर की ओर से एक फोटोग्राफर पर मुकदमा किया गया है। बंदर की ओर से यह मुकदमा उस तस्वीर के लिए किया गया है, जिसको उसने खुद ही खींचा था। आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस बारे में।
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असल में हुआ यह था कि “डेविड स्लेटर” नामक एक फोटोग्राफर ने वन्य जंतुओं की अजीब हरकतों की तस्वीर लेने के लिए कैमरे को ट्राइपॉड पर लगा कर छोड़ दिया। कुछ समय बाद में एक लंगूर आया और उसने अपनी आदतानुसार कैमरे से छेड़खानी करने लगा। इस दौरान उसने कई तस्वीरों को खींचा और अपनी भी एक सेल्फी ले ली। लंगूर की इस सेल्फी पर मालिकाना हक असल में किसका है, इसी बात का यह मुकदमा है। आपको हम बता दें कि लंगूर की ओर से यह मुकदमा “पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स” यानि पेटा लड़ रही है। आपको हम बता दें कि यह घटना 6 वर्ष पुरानी है। यह घटना इंडोनेशिया के एक वन्य पार्क की है जहां “नरुटो” नामक एक लंगूर ने अपनी सेल्फी लेकर यह कारनामा किया था। दूसरी ओर 6 वर्ष से इस मुकदमें को लड़ते-लड़ते फोटोग्राफर डेविड स्लेटर अब कंगाली की राह पर आ चुके हैं और अब उनके लिए ऑनलाइन कैम्पेन चलाए जा रहें हैं, ताकी उनको इंसाफ मिले। इस प्रकार से एक लंगूर ने अपनी ली हुई सेल्फी के लिए फोटोग्राफर पर ही मुकदमा कर डाला है।