हमारे आस पास कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती है जिस पर विश्वास करना भी नामुमकिन सा हो जाता है। इन घटनाओं का जवाब जब विज्ञान भी ना दे पाए तो यह घटना सत्यार्थ का रूप धारण कर लेती है। ऐसी ही एक घटना मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में देखने को मिली है। जहां पर काफी पुराना एक ऐतिहासिक काली माता का मंदिर लोगों के बीच एक बड़ा आस्था का केन्द्र बना हुआ है। सैंकड़ों साल पुराना यह मंदिर कई चमत्कारों से भरा हुआ है। जिसके कई अनोखे चमत्कारों को देखकर आप भी अपनी आंखों पर भरोसा करने को तैयार नहीं होंगे। बताया जाता है कि काली देवी के मंदिर के द्वार पर जब लोगों की भारी-भीड़ उमड़ने लगती है तो चारों ओर का वातावरण काफी गर्म होने लगता है। इस दौरान यदि काली माता के लिए पंखा या एसी नहीं चलाया गया तो वो पसीने से तर-बतर हो उठती है। जो कि यहां के लोगों के बीच की एक प्रत्यक्ष उदाहण रूप में साबित हुआ है।
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यह घटना एक बार नहीं बल्कि हर बार होती है। जबलपुर में विराजी मां काली की भव्य प्रतिमा को लगभग 600 साल पहले गोंडवाना साम्राज्य के द्वारा स्थापित किया गया था। उस दौरान विशेष साज-सज्जा और पूरी शान के साथ देवी की सेवा की जाती थी। उस समय वहां के पंडित हाथों के पंखें से देवी को हवा देने का काम करते थे, लेकिन समय के साथ-साथ जब परिवर्तन हुए तो पंखों की जगह पर एसी लगा दिया गए। जिससे मां देवी को गर्मी का एहसास ना हों, लेकिन किसी कारणवश जब एसी चलना बंद हो जाता है तो मां देवी की मूर्ति से पसीना बहना शुरू हो जाता है। जो अपने आप में काफी अनोखा चमत्कार है। काली देवी के इस चमत्कार के पीछे के तथ्यों के बारें में भी पता लगाने की भरपूर कोशिश की गई पर विज्ञान भी इसके कारणों को जानने में असमर्थ रहा।