उन शहीदों की शहादत को भुला पाना इतना असान नहीं है जो हर तकलीफों को झेल कर हमारे देश की रक्षा करते हुए कुर्बान हो जाते हैं और छोड़ जाते हैं अपने परिवार को रोता बिलखता। वहीं हमारे देश के मंत्री इन शहीदों को कुछ इस तरह से श्रृद्धांजलि देते हैं कि उनकी आत्मा भी कह उठती है कि यही है हमारी कुर्बानी।
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अभी हाल ही में सियाचिन में अचानक हुए हिमस्खलन की चपेट में आने से 9 जवान शहीद हुए थे। जिनमें से एक लांस नायक हनुमनथप्पा कोपड़ जिंदा बचे थे, लेकिन वह भी लगातार जिंदगी व मौत के बीच की लड़ाई को लड़ते-लड़ते आखिरकार हार गये और शहीद हो गये। खराब मौसम की वजह से मद्रास रेजिमेंट के नौ जवानों के पार्थिव शरीर सियाचिन से लाये नहीं जा सके थे। 12 दिन बाद बीते सोमवार को इन सभी के शव दिल्ली लाये गये। जिन शहीदों का पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया है उनमें से तमिलनाडु के चार, कर्नाटक के दो, आंध्र प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र के एक-एक जवान शामिल थे।
इन्हीं में से एक शहीद तमिलनाडु के जी गणेशन का शव उनके निवास स्थान पहुंचाया गया। हजारों की भीड़ ने अपने नम आंसुओं के साथ देश के इस लाल को अंतिम विदाई दी। मां अपने आंचल में भर कर अपने बेटे के चेहरे को देख बार-बार रो रही थी। वहीं, इस दौरान वहां पर कुछ स्वार्थी मंत्री अपने चुनावी फायदों के लिये 10 लाख का चेक लेकर पहुंच गये। शहीद के अंतिम संस्कार के समय इन मंत्रियों में सीएम जयललिता की फोटो के साथ तस्वीर खिंचवाने की होड़ लग गई।
मंत्री सेल्लू राजू परिवार को संत्वाना देना तो दूर अपने राजनैतिक फायदे के लिये 10 लाख का चेक देने पहुंच गये। हद तो उस समय पार हो गई जब शहीद के कफन के साथ ये मंत्री जयललिता की फोटो लगाकर उनके साथ तस्वीर खिंचवाते दिखाई दिए। यह देख वहां मौजूद मिनिस्टर और कलेक्टर तो चुप्पी साधे तमाशा देखते रहे, पर अन्य लोगों को यह सब देख काफी बुरा लगा। जिसके बाद लोग भड़क गए और जमकर विरोध किया।
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देश की जनता सलाम करती है उन देशभक्त जवानों को जो निःस्वार्थ हो कर देश की रक्षा करने में अपने प्राण न्यौछावर करने से भी पीछे नहीं रहते, पर राजनैतिक पार्टियों के कुछ ऐसे मंत्री उनकी शहादत की कीमत लगाने से भी पीछे नहीं हटते। ये हमारे देश की सबसे बड़ी बदकिस्मती है और ऐसे ही लोग देश को बर्बाद कर रहे हैं।