आश्चर्य – 53 वर्ष बाद प्रेमी तक पहुंचा लव लैटर

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आज का जीवन भले ही हाईटेक हो गया हो पर एक जमाना था जब लोग अपने दिल की बात को कागज के पन्नों पर लिख कर अपनी प्रेमिका को दिया करते थे। इन कागज के टुकड़ो की कीमत को आज भी वो लोग अच्छे से समझते हैं, जिन्होंने उस जमाने में प्रेम के स्वाद को अच्छे से चखा है। साधारण पन्ने के ये कागज जब प्रेम के शब्दों से भर जाया करते थे तो ये पन्ने ही “लव लैटर्स” कहलाते थे। लव लैटर्स का मिलना आज भी सभी लोगों को उतना ही पसंद है जितना उस जमाने में हुआ करता था। बस फर्क इतना है कि आज के समय में माध्यम अधिक और ज्यादा तेज हो गए है पर यदि आपको मिलने वाला कोई लव लैटर आज से 50 साल के बाद मिले तब आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी, निश्चित ही आप रोमांचित और उत्सुक हो उठेंगे। आज हम भी आपसे एक ऐसे ही एक केस के बारे में बात कर रहें हैं जिसमें एक प्रेमिका ने अपने प्रेमी को लव लैटर लिखा था पर वह लैटर उसके प्रेमी को को 53 साल बाद रिसीव हुआ। आइये जानते हैं इस रोचक प्रकरण को।

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यह है मामला –
असल में यह मामला 1958 का है जो की अमेरिका में घटा था। इस साल एक प्रेमिका ने अपने प्रेमी को एक लव लैटर लिखा था, लैटर लिखने वाली यह महिला बाद में अपने ही प्रेमी की वाइफ भी बन गई पर यह लैटर 53 साल बाद में प्रेमी को रिसीव हुआ। यह लैटर क्लार्क सी मूर के नाम से भेजा गया था पर इस व्यक्ति ने अपना नाम बदल कर मोहम्मद सिद्दीक रख लिया था यही असल वजह थी कि प्रेमी को यह लैटर नहीं मिल सका।
पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के डाकघर में यह लैटर इस हफ्ते ही पाया गया था। सिद्दीक के एक दोस्त ने इस पत्र के बारे में एक टीवी रिपोर्टर के जरिए जाना था और जब उन्होंने सिद्दीक को इस पत्र के बारे में बताया तो सिद्दीक बहुत उत्सुक हो उठे और उन्होंने कहा कि वह इस पत्र को अभी पढ़ना चाहते हैं। इस पत्र पर 20 फरवरी 1958 की मोहर लगी हुई है और “लव फॉरएवर वोनी” नाम से साइन किये गए हैं। वर्तमान में सिद्दीक की उम्र 74 साल है और उनका तलाक भी हो चुका है। सिद्दीक ने एक टीवी चैनल को बताते हुए कहा कि “अमरीका में एक प्रणाली है, अगर आप के नाम पर कोई चीज होती है और वह किसी को मिल जाती है तो वह आपकी चीज आप तक पहुंचा देता है। ये बहुत ही खूबसूरत चीज है।” सिद्दीक आगे कहते हैं कि “वह और उनकी प्रेमिका एक दूसरे को प्रेम-पत्र लिखा करते थे,वह उस समय विज्ञान की पढ़ाई कर रहे थे। इसके बाद उनकी शादी हो गई और उनके चार बच्चे है लेकिन बाद में जाकर अपनी प्रेमिका बनी पत्नी से उनका तलाक़ हो गया था। उनका कहना था उस समय रोमांस अलग तरह का होता था। उस जमाने में कंप्यूटर तो होता नहीं था तो ऐसे में केवल चिट्ठी पत्री से ही दिल की बात कही जाती थी और मेरा अब भी मानना है कि ईमेल के मुकाबले हाथ लिखी चिट्ठियां आज भी ज्यादा रोमांटिक होती है। सिद्दीक का कहना है हालांकि उनका वोनी के साथ तलाक़ हो गया है लेकिन इस चिट्ठी को देखकर मिलीजुली भावनाएं उमड़ रही है।”

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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