वैसे तो अपने देश में कई तीर्थ स्थल हैं पर आज हम आपको एक ऐसे तीर्थ स्थल के बारे में बता रहें हैं जहां पर आप साक्षात् भगवान के दर्शन कर सकते हैं। जी हां, आज हम आपको बता रहें हैं एक ऐसे तीर्थ स्थल के बारे में जहां पर आप भगवान श्री हरि के साक्षात् दर्शन कर सकते हैं। आपको हम सबसे पहले बता दें कि यह तीर्थ स्थल महाराष्ट्र में पड़ता है और इसका नाम “पंढरपुर” है। पंढरपुर में भगवान श्री विट्ठल का मंदिर है। भगवान श्री विट्ठल को भगवान श्री हरि का ही अवतार माना जाता है। भगवान श्री विट्ठल इस स्थान पर किस प्रकार स्थापित हुए इस बारे में एक पौराणिक कथा है। आइए आपको बताते हैं इस कथा के बारे में।
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यह कथा 6 वीं शताब्दी की है। उस समय संत पुंडलिक अपनी युवा अवस्था में थे। वे अपने माता-पिता के बड़े भक्त थे। एक दिन वे अपने पिता के पैर दबा रहें थे और अचानक वहां भगवान श्री कृष्ण देवी रुक्मणि के साथ प्रकट हो गए। संत पुंडलिक को अपने पिता के चरण दबाते देख उन्होंने संत पुंडलिक को आवाज दी। संत पुंडलिक ने भगवान कृष्ण को प्रणाम कर कहा कि मेरे पिता अभी आराम कर रहें हैं, इसलिए आप कृपा कर कुछ दूरी पर खड़े होकर मेरा इंतजार करें। भगवान श्री कृष्ण संत पुंडलिक के माता-पिता की इस सेवा से बहुत प्रसन्न हुए और फिर सदैव के लिए उस स्थान पर ही विराजमान हो गए। आज भी उस स्थान पर आप जाकर भगवान श्री कृष्ण के श्री हरी रूप की प्रतिमा में दर्शन कर सकते हैं। वर्तमान में इसी स्थान पर अब एक मंदिर बन गया है जिसको विट्ठल मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य के सोलापुर जिले में पड़ता है। यहां पर बहुत से भक्त भगवान श्री हरी के अवतार भगवान विट्ठल के दर्शन करने के लिए आते हैं।