अक्सर देखा जाता है कि लोग भगवान के बारे इस बात को मानने से इंकार कर जाते है कि वो हमारे बीच में ही रहते हैं, पर मंदिरों में होने वाली कुछ गतिविधियां ऐसी होती है कि लोग इसे सच मानने को तैयार हो जाते है। इन गतिविधियों के विषय पर विज्ञान भी कुछ निष्कर्ष दे पानें में असमर्थ हो जाता है। ईश्वरीय शक्ति हमारे चारों ओर मौजूद है इसका जीता-जागता उदाहरण हैं मथुरा में स्थित कृष्ण का मंदिर। पर आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहें हैं जहां पर शिव और पार्वती आज भी चौसर खेलने आते है। जीं हा, ये बात बिल्कुल सच है यह अनोखा मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर के गर्भगृह में रोज रात शिव-पार्वती चौसर खेलने आते हैं। इस गर्भगृह में रात होने से पहले ही चौसर-पासे की बिसात बिछा दी जाती है।
image source:
जानिए इस मंदिर के बारे में..
मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के किनारे बसा ओंकारेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के दर्शन करने से ही चारों धाम की यात्रा पूरी हो जाती है। पुराणों के अनुसार बताया गया है कि इस मंदिर का निर्माण आज से कई सौ साल पहले भगवान राम के पूर्वज राजा मांधाता के द्वारा कराया गया था। वेद कालीन इस मंदिर का वृंतात सोलह सोमवार के व्रत की कथा में भी सुनने को मिलता है। ये परंपरा मंदिर के निर्माण के समय से ही एक प्रथा के रूप में चली आ रही है। प्रतिदिन शाम की आरती के बाद रात को ज्योतिर्लिंग के सामने चौसर-पासे की बिसात सजा दी जाती है। जिसे खेलने के लिए भगवान शिव के साथ माता पार्वती यहां आती हैं। कभी-कभी ये चौसर किसी दूसरे स्थान पर हटे हुए भी नजर आते है।
यहां पर होती है गुप्त आरती-
ओंकारेश्वर मंदिर दुनिया का ऐसा अकेला शिव मंदिर है जहां रोज शिव जी की गुप्त आरती होती है। इस आरती के समय यहां के दौरान पुजारियों के अलावा कोई भी दूसरा गर्भगृह में नहीं पहुंच सकता। यहां पर शिवरात्री के दौरान श्रृद्धालुओं की काफी भीड़ लगती है। इसी दिन साल में एक बार भगवान के लिए नए चौसर-पांसे सजाए जाते है।