भारत सहित विदेशों में भी भगवान हनुमान के भक्तों की कमी नहीं है। प्रत्येक शनिवार तथा मंगलवार को ये सभी भक्त हनुमान मंदिर में जाकर भगवान हनुमान की स्तुति करते हैं तथा प्रसाद का भोग चढ़ाते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान हनुमान को भगवान् शिव का ही अंश माना जाता है, इसलिए उनको “रुद्रअवतार” भी कहा जाता है। भगवान हनुमान की माता का नाम “अंजनी” था, इसलिए भगवान हनुमान का नाम “आंजनेय” भी है। आपने खुद भगवान हनुमान के बहुत से मंदिर देखें ही होंगे, पर आज भी बहुत बड़ी संख्या में लोग उस स्थान को नहीं जानते जहां श्रीराम भक्त भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, इसलिए आज हम आपको इस स्थान के बारे में जानकारी दे रहें हैं, तो आइए जानते हैं इस स्थान विशेष के बारे में।
प्राचीन मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म भारत भूमि पर ही हुआ था, पर यह स्थान वास्तव में कौन सा था इस बारे में कई लोगों के अलग-अलग मत है, इसलिए हम आज आपको उन सभी स्थानों के बारे में बता रहें हैं।
1 – आंजन गांव, झारखंड –
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बहुत से लोग इस बात को स्वीकार करते हैं कि भगवान हनुमान का जन्म झारखंड राज्य के गुमला जिले के अंतर्गत आने वाले आंजन गांव में हुआ था। इसीलिए इस गांव का नाम “आंजन धाम” रखा गया। माना जाता है कि यहीं माता अंजनी का निवास स्थान था।
2 – अंजना पर्वत, गुजरात –
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कई लोगों की धारणा है कि भगवान हनुमान का जन्म गुजरता के डांग जिले के अंतर्गत आने वाले अंजना पर्वत के पास स्थित अंजनी गुफा में हुआ था। डांग जिले में काफी आदिवासी लोग रहते हैं और इन लोगों का विश्वास है कि भगवान हनुमान का जन्म इसी स्थान पर ही हुआ था।
3 – कैथल, हरियाणा –
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बहुत से विद्वान हरियाणा के कैथल शहर को भगवान हनुमान का जन्म स्थल मानते हैं। माना जाता है कि कैथल का प्राचीन नाम “कपि स्थल” था और यह कुरु राज्य का ही एक भाग था। भगवान हनुमान के पिता को संभवतः “कपि राज” इसीलिए कहा जाता था। इस हिसाब से हरियाणा के कैथल को भी भगवान हनुमान का जन्म स्थल माना जाता है।
4 – हंपी, कर्नाटक –
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बहुत से लोग कर्नाटक को भगवान हनुमान का जन्म स्थान मानते हैं। असल में कर्नाटक के बेल्लारी जिले के हंपी शहर में भगवान हनुमान का एक प्राचीन मंदिर हैं। लोगों की मान्यता है कि यह हंपी नगर ही प्राचीन किष्किंधा नगरी है और इस स्थान पर ही भगवान हनुमान का जन्म हुआ था।