हमारे देश के समाज में आज भी लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को सामाजिक मान्यता नहीं दी जाती है। बिना शादी के साथ में रहने वाले लोगों को गलत नजरों से देखा जाता है, लेकिन भारत में ही एक ऐसा भी वर्ग है जो हजारों वर्षों से इस प्रथा को निभा रहा है। इस परंपरा के अनुसार इस वर्ग के लोग मेले में पहुंचकर अपना जीवन साथी चुनते हैं और फिर उसके साथ भाग जाते हैं। कुछ समय तक उसके साथ रहते हैं फिर यदि कोई संतान हो जाए तभी शादी करते हैं। साथ ही अगर लड़कियों को कोई लड़का पसंद न आए तो वह किसी अन्य मेले में दूसरा पार्टनर भी तलाश कर सकती हैं।
भारत में आज भी लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के रिश्ते को समाज में स्वीकार नहीं किया जाता है। बिना शादी के अपनी स्वेच्छा से साथ में रहने वाले लोगों के रिश्ते को समाज के लोग मान्यता नहीं देते। ऐसा माना जाता है कि यह परंपरा विदेश से आई है और पाश्चात्य परंपरा होने के चलते इसमें कई कमियां भी देखी जाती हैं। साथ ही समाज में परिवार की मान्यता व रिश्तों की बुनियाद के लिए भी इसे कई सामाजिक वर्ग अच्छा नहीं मानते हैं।
वहीं, आपको बता दें कि लिव इन रिलेशनशिप की परंपरा हमारे देश के ही कुछ स्थानों पर हजारों वर्षों से चली आ रही है। राजस्थान और गुजरात में गरासिया ट्राइब के लोग रहते हैं। इस वर्ग की आबादी में कई लोगों की शादी नहीं हुई है। इनका मानना है कि यदि बच्चे होने से पहले शादी हो गई तो संतानें नहीं होंगी। इस कारण यहां के लोग लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं और फिर संतान होने पर शादी करते हैं।
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क्यों बनी यह परंपरा-
कहा जाता है कि वर्षों पहले गरासिया वर्ग के लोगों में से चार भाई दूर जाकर रहने लगे। इन चारों भाइयों में से तीन ने शादी कर ली, जबकि एक भाई बिना शादी के ही लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगा। शादीशुदा वाले भाइयों के घर कोई भी संतान पैदा नहीं हुई, जबकि लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले भाई की संतान से ही उनका वंश आगे बढ़ा। बस तभी से यह मान्यता चली आ रही है।
लड़के पसंद करने के लिए लगता है मेला-
लिव इन रिलेशनशिप में रहने व लड़के को पसंद करने के लिए राजस्थान और गुजरात के इलाकों में इस समाज के लोगों के लिए मेला लगता है। मेले में युवक युवतियां एक दूसरे को पसंद कर मेले से ही भाग जाते हैं। बाद में संतान होने पर अपनी स्वेच्छा से विवाह कर लेते हैं। यदि युवती को युवक न पसंद आए तो वह किसी अन्य युवक को अपना लिव इन पार्टनर चुन सकती है।
यहां यह भी खास है कि इस समाज में कई लोगों की शादी उनके बच्चों ने करवाई है। वहीं कई लोगों की शादी तो उनके बच्चों की शादी के साथ भी हुई है।