जानिये कोरोवाई जनजाति के नरभक्षी लोगों को, नर्क जैसा जीवन जीते हैं ये लोग

-

 

दुनिया में बहुत सी आदिवासी जनजातियां हैं जिनमें से कुछ काफी खतरनाक भी हैं। आज हम आपको बता रहें हैं एक ऐसी आदिवासी जनजाति के बारे में जहां के नरभक्षी लोग भोजन में मानव मीट का उपयोग करते हैं। देखा जाए तो दुनिया के कई हिस्सों में अलग-अलग जनजातियां निवास करती हैं। इन जनजातियों के लोगों के अपने नियम कानून तथा अपनी जिंदगी होती है और ये लोग अपनी धार्मिक मान्यताओं तथा विश्वासों के आधार पर अपने जीवन को जीते हैं। आज हम आपको जिस आदिवासी जनजाति के बारे में बता रहें हैं वह बहुत ज्यादा खतरनाक है, साथ ही उनके जीवन जीने का तरीका भी आम लोगों से भिन्न है। आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं इस जनजाति के बारे में।

कोरोवाई जनजातिImage Source: 

सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि इस जनजाति को “कोरोवाई जनजाति” कहा जाता है। यह जनजाति इंडोनेशिया के पापुआ प्रांत के जंगलों में पाई जाती है। इस जनजाति की सबसे बड़ी खासियत इनके निवास स्थान हैं। असल में ये लोग आम लोगों की तरह जमीन पर घर बना कर नहीं रहते हैं, बल्कि ये लोग पेड़ों पर अपना निवास स्थान बनाते हैं। इन लोगों की मान्यता है कि यदि ये पेड़ पर रहते हैं तब इनको कोई बुरी आत्मा परेशान नहीं करती है। दूसरी बात यह है कि ये लोग सुरक्षा की दृष्टि से भी पेड़ों पर अपना निवास स्थान बनाते हैं।

कोरोवाई जनजातिImage Source: 

आपको हम बता दें कि इस जनजाति की खोज 1974 में एक डच मिशनरी ने की थी। इसके बाद में इस इलाके में लोगों का आना जाना बढ़ा और साथ में यहां वेश्यावृत्ति भी बढ़ गई। 1999 में सरकार की पहल पर इस इलाके में वेश्यावृत्ति पर रोक लग गई। कोरोवाई जनजाति के लोगों को नरभक्षी कहा जाता है। असल में पूर्व समय में ये लोग मानव का शिकार कर उसको भोजन के रूप में खा लिया करते थे, पर अब यह सब कुछ बंद हो गया है। अब कोरोवाई जनजाति के लोग सिर्फ शिकार पर ही भोजन के लिए आश्रित हैं। इन लोगों का निशाना काफी अच्छा होता है, साथ ही मछलियां पकड़ने में भी ये लोग बहुत तेज तर्रार होते हैं। वर्तमान में इस एरिया में टूरिस्ट आने जाने लगे हैं, इसलिए मानव मीट वाली प्रथा कोरोवाई जनजाति में बंद हो चुकी है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments