वैसे तो दिल्ली में एक ही कुतुबमीनार है, पर दिल्ली के बहुत कम लोग इस “दूसरे कुतुबमीनार” के बारे में जानते हैं। आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी दे रहें हैं। इस मीनार को “हस्तसाल मीनार” के नाम से जाना जाता है। इस मीनार को बहुत से लोग “हस्तसाल की लाट” के नाम से जानते हैं। कुतुबमीनार की बात करें तो उसकी ऊंचाई 47 मीटर है, वहीं दूसरी और यह हस्तसाल मीनार महज 17 मीटर ऊंची है। वर्तमान में यह मीनार उपेक्षा तथा बेकद्री का शिकार बनकर लगातार अपना अस्तित्व खोती जा रही है। यह मीनार भी कुतुबमीनार की ही तरह ईटों तथा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित की गई है। इसको देखने के लिए पर्यटक आते तो हैं पर बहुत कम संख्या में।
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शहंशाह शाहजहां ने कराया था निर्माण
इस मीनार को शहंशाह शाहजहां ने 1650 में निर्मित कराया था। इस का निर्माण शाहजहां ने अपनी शिकारगाह के रूप में कराया था। इसमें एक पतली सीढ़ी है जो ऊपर तक जाती है। इसके अलावा इसमें एक सुरंग भी हैं जो वारदारी से जुड़ती है। यह मीनार तीन मंजिला है तथा अष्टकोणीय चबूतरे पर स्थित है। इस मीनार से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक दो मंजिला ईमारत है जिसको हस्तसाल कहा जाता है। इस स्थान का निर्माण हाथियों के निवास स्थान के रूप में किया जाता था। कहते है कि इस इमारत के चारों और पहले पानी भरा रहता था और हाथी यहां स्नान करने आते थे। इसी कारण इस स्थान का नाम भी हस्तसाल पड़ गया। यह स्थान उत्तम नगर मेट्रो स्टेशन के पास स्थित है। मेट्रो स्टेशन से यहां पहुंचने के लिए आपको आसानी से रिक्शा या ऑटो मिल जाता है।