जिस जगह भी बाढ़ आती है वहां सब कुछ तबाह हो जाता है। वहां लोगों का कहीं जाना तो दूर, खाने के भी लाले पड़ जाते हैं। वहीं बांग्लादेश में बाढ़ आने से ना किसी की जिंदगी पर असर पड़ा और ना ही कोई काम रुका। आप सोच रहे होंगे कि ये सब कैसे मुमकिन है, लेकिन ये सच है। बाढ़ आने से स्कूल बंद हो जाते हैं और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बंद हो जाती है, लेकिन बांग्लादेश में बच्चे फ्लोटिंग स्कूल के जरिए पढ़ाई कर रहे है। यहां स्कूल बच्चों को लेने आता है। ये स्कूल जमीन पर नहीं है बल्कि बच्चे पानी के ऊपर पढ़ते हैं। आपको ये सुनने में मजेदार लग रहा होगा, लेकिन इसके पीछे बेहद गंभीर वजह छुपी हुई है।
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आपको बता दें कि बांग्लादेश में ग्लोबल वार्मिंग के चलते स्कूल बंद हो जाते हैं। जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है, लेकिन इस रुकावट को रोकने के लिए शिधुलाई स्वानिर्वार संस्था ने एक फ्लोटिंग स्कूल की अनोखी पहल शुरू की। जिसके चलते बोट में स्कूल खोला गया और वही घर-घर जाकर बच्चों को लेने भी जाती है। दरअसल ग्लोबल वार्मिंग और जल का स्तर बढ़ने की वजह से बांग्लादेश में हमेशा बाढ़ का खतरा मंडराता है। बच्चों की शिक्षा पर कोई असर ना पड़े इसलिए मो. रिजवान ने बोट्स पर स्कूल को डिजाइन किया। आपको बता दें कि इस योजना के अनुसार 100 फ्लोटिंग स्कूल बनाए गए हैं।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बोट में सिर्फ बच्चों की पढ़ाई ही नहीं होती बल्कि लोगों के लिए इसके जरिए मदद भी मुहैया कराई जाती है। ये समुदाय नौका के जरिए लोगों को स्वास्थ्य, वित्तीय और खेती से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराता है। इसी के साथ ये समुदाय बोट पर फ्लोटिंग ट्रेनिंग सेंटर भी चला रहा है जिस पर वायरलेस इंटरनेट की सुविधा भी मौजूद है।