महज 10 वर्ष का यह बालक बना “बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष”

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किसी विभाग का अध्यक्ष होना बड़ी बात होती है, कोई भी व्यक्ति ऐसे पद पर बड़ी उम्र व लंबे अनुभव के बाद ही पहुंचता है, पर हालही में एक महज 10 वर्ष के बच्चे को मध्यप्रदेश के बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया है। जिसके कारण काफी लोग चकित हैं, इसलिए आज हम आपको बता रहें हैं इस खबर को विस्तार से, तो आइए जानते हैं इस खबर के बारे में।

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सबसे पहले हम आपको बता दें कि इस बच्चे का नाम “श्रेयांश बाघमारे” है और इसकी उम्र 10 वर्ष है। यह बच्चा मध्य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला है। जब इस बच्चे को एक दिन के लिए मध्य प्रदेश के “बाल संरक्षण आयोग” का अध्यक्ष बनाया गया तो काफी लोग चकित हो गए। असल में इस बच्चे को “प्रोज़ेरिया” नामक बीमारी है जिसमें कम उम्र में ही बुढ़ापे के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र शर्मा ने इस बारे में बताते हुए कहा कि “इस बच्चे ने भोपाल घूमने की इच्छा प्रकट की थी, जिसके बाद इस बच्चे को खुश करने के लिए हमने उसको एक दिन के लिए बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बना दिया था।

श्रेयांश के पिता अरविंद बाघमारे ने कहा कि वह इस विभाग का अध्यक्ष बन कर काफी खुश था, बच्चे की इस बीमारी के बारे में उसके पिता ने बताया कि उन्होंने उसको कई अस्पतालो में दिखाया, पर डॉक्टरों ने कहा कि इस बीमारी का कोई ईलाज नहीं है और ऐसे बच्चे कम उम्र ही जी पाते हैं, इसलिए ऐसे बच्चों को हमेशा खुश ही रखना चाहिए।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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