करीब एक साल पहले बलाड गांव में एक नाबालिग लड़की से बालात्कार का मामला सामने आया था। मानवीयता को शर्मसार करने वाले दो व्यक्तियों ने आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छोटी सी लड़की के साथ शर्मनाक हरकत कर उसकी दुनिया ही उजाड कर रख दी थी। यह हरकत उन व्यक्तियों ने तब की जब वह छोटी बच्ची अपनी परीक्षा देकर स्कूल से वापस आ रही थी। हादसा होने के बाद भी इस लड़की ने हिम्मत नहीं हारी और घटना होने के दूसरे दिन ही बच्ची परीक्षा देने के लिए गई। गांव के लोग भी बच्ची के हौंसले और उसके परिवार के अन्याय के खिलाफ लड़ने के हौंसले की मिसाल देते हैं।
Image Source: http://hourdose.com/
क्या था पूरा मामला
आठवी कक्षा में पढ़ने वाली इस लड़की के साथ यह घटना 18 मार्च 2015 को घटी थी। लड़की स्कूल से अपनी आठवी कक्षा की परीक्षा देकर घर जा रही थी। ऐसे में एक सुनसान जगह पर दो युवकों ने उसके साथ इस दुष्कर्म को अंजाम दिया और वहां से फरार हो गए। इसके बाद लड़की की पूरी बात सुनकर उसके परिजनों ने उन दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया। हालांकि अब यह दोनों आरोपी जेल से छूट चुके हैं।
क्या हुआ आरोपियों का
इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी गणेशाराम और रमेश दोनों को जेल हो गई। वहां गणेशाराम ने जेल में ही अपने गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। अब उसके परिवार वालों के लिए जिंदगी जीना काफी मुश्किल हो रहा है। तो वहीं रमेश जेल से रिहा होने के बाद छोटी- मोटी मजदूरी कर रहा है। जब वह मजदूरी करने निकलता है तो लोग अपना गुस्सा दबाए उसे घूरकर कोसते रहते हैं।
कैसे हौसला बढ़ाएं ऐसे पीडि़तों का
ऐेसी बच्चियों का हौसला बढ़ाना चाहिए। उनसे बार- बार उस दुष्कर्म के बारे में सवाल जवाब नहीं करना चाहिए। उन्हें यह भरोसा दिलाना चाहिए कि जो कुछ भी हुआ है, उसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इस दुविधा से उन्हें निकालने के लिए आप उनका ध्यान और बातों या काम में लगा सकते हैं। ऐसी बच्चियों को अकेला बिल्कुल ना रहने दें।