आतंकवाद के खिलाफ लबीं लड़ाई के बाद आखिरकर भारत ने जीत हासिल कर ही ली है। भारत ने यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है। संसद, उड़ी और पुलवामा समेत कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को वैश्विक आतंकी घोषित करार दे दिया। इससे पहले भी भारत के साथ अन्य देशों नें चार बार मसूद को वैश्विक आतंकी करार देने का फैसला किया था लेकिन चीन नें हर बार ‘तकनीकी बाधा’ के जरिये इसका पूर्ण विरोध किया। लेकिन इस बार चीन नें वीटों का इस्तेमाल ना करते हुये सभी के द्वारा मानित प्रस्ताव के लिये हांमी भर दी है।
जानकारी के लिये बता दें। कि अभी हाल ही में हुये पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर किये गए आतंकी हमले से 40 जवान शहीद हुएं थे जिसके बाद से सभी देशों ने इसका घोर निंदा करते हुये फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने पाकिस्तान से संचालित जैश के सरगना मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला लिया था। और सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में इस प्रस्ताव को पेश किया था। जिसमें 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 14 देशों ने इसका समर्थन भी किया था, लेकिन पाकिस्तान को शरण देने वाले चीन ने ‘तकनीकी बाधा’ के जरिए प्रस्ताव को रोक दिया था और यह कहकर टाल दिया था कि कि इस मसले पर हम विचार करने के लिए थोड़ा समय चाहिए।
चीन ने अपने रुख में आने वाले बदलाव के संकेत मंगलवार के दिन देखने को मिले, जब संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अकबरुद्दीन से चीन की तकनीकी बाधा को हटाने जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, हां, डन। प्रतिबंध समिति ने मसूद पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया।
संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘‘जैश-ए-मोहम्मद’’ के सरगना मसूद अजहर को बुधवार के दिन वैश्विक आतंकवादी घोषित करार कर दिया है। जो कि भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। सभी देशों की प्रतिबंध समिति के द्वारा उसे ‘‘काली सूची’’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह कदम उठाया गया।
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए (संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति) के सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा कर हमेशा रोड़ा बनकर उसे बचा रहा था। इन 10 सालों में चीन 4 बार वीटो लगा चुका था। 2009, 2016, 2017 और फरवरी, 2019 में चीन ने प्रस्ताव पर वीटो लगाया था, लेकिन इस बार उस पर पड़ रहे अंतराष्ट्रीय स्तरीय दबाव पड़ने पर चीन को आखिरकार झुकना ही पड़ा। और वीटो हटा दिया और इसके बाद मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया।