जो भी जीवित है वह किसी न किसी दिन अवश्य मरेगा अवश्य, यह एक कठोर सत्य है, पर आज हम आपको भारत की एक ऐसी जगह के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं जहां रहने वाले लोग कभी नहीं मरते हैं, बल्कि वे अमर हो जाते हैं।
जी हां, आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं जिसको जानकार आप स्वयं चकित रह जाएंगे। इस जगह की खासियत यह है कि यहां पर समय का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है यानी यहां रहने वाले लोगों की आयु बढ़ना रुक जाती है, फलतः ये लोग मौत का ग्रास नहीं बनते हैं, आइए अब आपको बताते हैं इस जगह के बारे में।
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सबसे पहले तो हम आपको बता दें कि यह जगह हिमालय में स्थित है और इसका नाम मूलरूप से “ज्ञानगंज पीठ है। बाहर से लोग इसको “सिद्धाश्रम” के नाम से भी जानते हैं और क्योंकि यह हिमालय में संग्रीला घाटी के आसपास के क्षेत्र में ही स्थित है इसलिए कुछ लोग इसको “संग्रीला पीठ” के नाम से भी जानते हैं।
यहां हम आपको यह बता दें कि इस स्थान को आम लोग नहीं देख सकते हैं, बल्कि इसको सिर्फ वही लोग देख सकते हैं जो लोग आध्यात्म के क्षेत्र में एक महान ऊंचाई पा सके हैं। आपको हम यह भी बता दें कि इस सिद्ध पीठ में सामान्य लोग नहीं रहते हैं, बल्कि सैकड़ों वर्षों पुराने प्राचीन योगी यहां साधना तथा उपासना में लगे रहते हैं और वही यहां रहते हैं।
ऐसा माना जाता है कि यह पीठ तिब्बत के वेस्टर्न रीजन से 16 किमी दूर स्थित है और इसके बारे में यह कहा जाता है कि इसका नवीनीकरण “स्वामी ज्ञानानंद परमहंस” ने 1225 A.D में कराया था। यह जगह आम लोग ही नहीं बल्कि मॉर्डन साइंस भी नहीं देख सकती है, यह स्थान सेटेलाइट पर भी नजर नहीं आता है। माना जाता है कि इस सिद्ध पीठ के स्थान पर समय की गति रुक जाती है, इसलिए यहां के योगी कभी मृत्यु का ग्रास नहीं बनते हैं।