बाराते और शादियां आपने बहुत सी देखी ही होंगी, पर क्या आपने कभी “हरीभरी शादी” को देखा है? नहीं न, तो आज हम आपको हाल ही में हुई इस हरीभरी शादी से रूबरू करा रहें हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की यह शादी भारत में हुई है। देखा जाए तो पर्यावरण को बचाने की मुहीम में यह एक छोटी सी शुरुआत थी, पर फिर भी आप इसको एक महत्वपूर्ण शुरुआत कह सकते हैं, आइए अब आपको विस्तार से बताते हैं इस अजीबो-गरीब शादी के बारे में।
सबसे पहले तो आपको बता दें कि यह शादी भारत के बुंदेलखंड में संपन्न हुई है। बुंदेलखंड का इलाका शुरुआत से ही सूखे की मार झेलता आ रहा है और इसी क्रम में यहां पर पर्यावरण दिवस पर यह शादी संपन्न हुई, जिसने लोगों को पर्यावरण को बचाने का स्पष्ट संदेश दिया। आपको बता दें कि यह शादी बुंदेलखंड के बांदा नरैनी क्षेत्र के गंगापुरवा गांव में तेजा निषाद के घर पर संपन्न हुई।
तेजा निषाद ने अपनी बेटी मैकी देवी की शादी पास ही के गांव काजीपुर के गणेश नामक युवक से की। यह शादी पर्यावरण दिवस पर की गई और इसमें पर्यावरण को बचाने का संदेश शादी के ही कार्यों द्वारा किया गया। इसके तहत गांव में लड़का अपनी बारात बैलगाड़ी पर लाया और बारातियों को खाना भी कमल के पत्तों पर खिलाया गया। दहेज के रूप में दूल्हे ने कुछ पेड़ ही लिए तथा दूल्हे व दुल्हन ने साथ में वृक्षारोपण किया। इस प्रकार से यह शादी गांव भर में काफी चर्चा का केंद्र बनी। साथ ही इस शादी को “ग्रीन मैरिज” का नाम दिया गया।