इन आसान तरीकों से आप भी पहचान सकते हैं भूतों को

-

प्रेतात्मा या भूत-प्रेतों में काफी लोग विश्वास करते हैं परंतु बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जो कि इनको पहचान पाते हैं। आत्माएं अपने में कई खास चीजें लिए होती है जो कि आम आदमी के पास नहीं होती है। कुछ प्रकार की रूहें किसी का भी रूप बना कर किसी से भी अपना काम कभी कभी निकलवा लेती हैं और लोग इनको पहचान नहीं पाते हैं पर आज हम आपको कुछ ऐसे सरल और व्यावहारिक उपाय बता रहें हैं, जिनसे आप इस प्रकार की आत्माओं को हजारों लोगों की भीड़ में भी पहचान सकते हैं और इनसे बच सकते हैं। आइये जानते हैं कुछ खास उपायों को।

ghosts1Image Source:

1- देखने का तरीका –
मानव के रूप में आने वाली आत्माओं का देखने का तरीका बहुत बदल जाता है, असल में वे कभी भी अपनी पलके नहीं झपकाते हैं और वे किसी को भी कुछ इस प्रकार से देखते हैं जैसे उसको घूर रहें हो। उसके अलावा उनकी आंखें सुदूर किसी शून्य पर स्थित होती हैं और उनकी आंखों में एक खालीपन होता है। यदि वह कोई अच्छे किस्म की आत्मा है तो आपको उनकी आंखों में देखने पर अच्छा महसूस होगा पर यदि ऐसा नहीं है तो आपको घुटन सी महसूस होगी।

ghosts2Image Source:

2- परछाई नहीं होती –
पारलौकिक विशेषज्ञों की मानें तो आत्माओं के शरीर में सामान्य मानव की तरह 5 तत्व नहीं होते बल्कि उनका शरीर सिर्फ 3 तत्वों (अग्नि, वायु, आकाश ) का बना होता है इसलिए आत्माओं या प्रेत आदि की कभी भी परछाई नहीं बन पाती है। अतः यदि लाइट पड़ने पर भी किसी व्यक्ति के शरीर की परछाई नहीं बन पाती है तो जान लेना चाहिए की वह कोई भटकती आत्मा है।

ghosts3Image Source:

3- गुरुत्व बल से मुक्त –
आपको जानकारी के लिए बता दें कि आत्माएं धरती के गुरुत्व बल से मुक्त होती हैं, इसलिए यदि वे धरती पर चलती भी हैं तो उनके पैर धरती से कुछ ऊपर की और उठे होते हैं यानी किसी भी आत्मा के पैर धरती से पूरी तरह से नहीं मिलते हैं। यदि आप सही से देखेंगे तो आपको उनके शरीर और उनके पैरों के मध्य कुछ रिक्त स्थान आपको दिखाई देगा, इसका साफ़ मतलब है कि सामने वाला इंसान कुछ अलग है। इसके अलावा यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि किसी भी प्रेत आत्मा की परछाई किसी शीशे में नहीं बनती है। इस उपाय से भी आप उसको चैक कर सकते हैं।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments