मृत्यु एक अटल सत्य है और एक न एक दिन हम सभी को इस दुनिया से जाना ही है, पर असल में किसी को यह पता नहीं होता है कि उसकी मृत्यु किस प्रकार से होगी, पर “गरुण पुराण” में इस बात का उल्लेख है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु किस प्रकार से होगी। असल में गरुण पुराण में व्यक्ति के कर्मों के आधार पर उसके अंतिम क्षणों के बारे में बताया गया है, इसलिए उस आधार पर ही आज हम आपको बता रहें हैं कि किस प्रकार के कर्मों के लोगों की मृत्यु किस प्रकार से होती है, तो आइए जानते हैं इस बारे में।
1. हालांकि ऐसे लोग कम ही मिलते हैं जो सच बोलते हैं तथा ईश्वर में भरोसा रखते हैं और किसी का दिल नहीं दुखाते हैं, पर ऐसे लोगों की मृत्यु सदैव सुखद और सही तरीके से होती है यानि अंतिम समय में ऐसे लोगों को कष्ट नहीं भुगतना पड़ता है।
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2. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दूसरे लोगों को मोह तथा सांसारिक उपदेश देते हैं और लोगों के बीच में झूठ, ईर्ष्या, स्वार्थ एवं लालच को फैलाते हैं। ऐसे लोगों को अपने जीवन के अंतिम क्षणों में बहुत ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं।
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3. भरोसे को तोड़ने वाला, झूठ बोलने वाला, वेदों को झूठा बताने वाला एवं झूठी गवाही देने वाले का अंतिम समय बहुत ज्यादा खराब होता है। उसको बहुत ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं। इस प्रकार के व्यक्ति की आत्मा को लेने के लिए यमराज के भयानक दूत आते हैं और उनको देखकर ऐसा व्यक्ति बहुत ज्यादा घबरा जाता है।
अंतिम समय में उसकी मृत्यु बहुत कष्ट से होती है। इस प्रकार से गरुण पुराण में बताई गई मृत्यु के संबंध में ये बातें हमें बहुत कुछ समझाती हैं और हमें यह संदेश देती हैं कि हमें हमारे जीवन को सदैव सही तरीके से सत्य के मार्ग पर चलकर ही बिताना चाहिए और हमेशा अहिंसा के अनुसार ही जीवन बिताना चाहिए।