रत्न न सिर्फ आपकी कुंडली के ग्रहों को शांत करते हैं, बल्कि ये आपकी बीमारी में भी आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं, इसलिए आज हम आपको बता रहें हैं कि कौन सी समस्या में आपको कौन सा रत्न धारण करना चाहिए। असल में आयुर्वेद में विभिन्न रत्नों के शरीर पर होने वाले प्रभावों का वर्णन है, जिसके तहत प्राचीन काल में लोग इन रत्नों को अपनी बीमारियों को सही करने के लिए भी उपयोग में लाया करते थे। वहीं आयुर्वेद में कई बीमारियों को ठीक करने के लिए विभिन्न धातुओं तथा रत्नों की भस्म के भी कई प्रयोग बताए गए हैं। वास्तव में इसके पीछे रसायन विज्ञान कार्य करता है किसी भी रत्न में उससे संबंधित रसायन के गुण होते ही है और जब हम किसी रत्न को अपनी अंगुली में या अन्य किसी स्थान पर धारण करते हैं, तब वह हमारे शरीर से स्पर्श करके हमें अपने गुणों से प्रभावित करता है। इस प्रकार से रत्न चिकित्सा कार्य के लिए भी उपयोग में लाए जाते हैं, तो आइए अब हम आपको बताते हैं कि आप अपनी कौन सी बीमारी या समस्या में कौन सा रत्न धारण कर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
image source:
1 – यदि आपकी याददाश्त कमजोर है तो आप “पन्ना” धारण करें।
2 – गठिया रोग, हिचकी आना, नपुंसकता की समस्या को हल करने के लिए आप “नीलम” धारण करें।
3 – किसी भी दैविक समस्या को खत्म करने के लिए आप “फिरोजा” धारण कर सकते हैं।
4 – यदि खून की कमी शरीर में है तो “माणिक” धारण करें।
5 – नसों से जुड़ी बीमारी तथा तनाव के लिए “मोती” धारण करें।
6 – चेहरे को सुंदर बनाने तथा मुहासों से मुक्ति के लिए आप “मूंगा” पहने।
7 – पेप्टिक अल्सर से मुक्ति के लिए पन्ना तथा “नीलम” धारण करें।
8 – “मोती, माणिक तथा पन्ना” को आप अपने सिर दर्द से मुक्ति पाने के लिए भी धारण कर सकते हैं।
9 – यदि आपका गला खराब रहता है, तो आप “गौमेद” को धारण करें।
इन रत्नों को धारण करने से पहले आप किसी योग्य ज्योतिष आचार्य से सलहा लेना ना भूलें, क्योंकि कई बार इन रत्नों के प्रभाव काफी तीव्र होते हैं, जो आपको लाभ की जगह हानि भी पहुंचा सकते हैं।