आज इस आर्टिकल में हम आपको ट्रेन ड्राइवर और ट्रेन से जुड़े ऐसे तथ्य के बारे में बता रहे हैं जो बन जाते है लोगों की मौत का कारण। आपने एक साल पहले दशहरे के दिन ट्रेन से कटे लोगों की मौत का विडियो तो देखा ही होगा। तब हर किसी के मन में एक ही प्रश्न उठा था कि आखिर ड्राइवर ने क्यों नही लगाया ब्रेक?
इसके अलावा देश के कई जंगली इलाकों से हो कर ट्रेन गुजरती है जिसके कारण आए दिन जंगली हाथी से लेकर जंगली जानवर ट्रेन हादसे का शिकार होकर जान गंवा देते हैं जिसकी वजह लोग ट्रेन ड्राइवर को ही मानते है लेकिन क्या कभी आपने ऐसे सोचा है कि ट्रेन के ड्राइवर जब किसी व्यक्ति को ट्रेन के सामने आते हुए देखते हैं तो वह ट्रेन पर क्यों नहीं काबू कर पाते।
आज इस आर्टिकल में हम आपकी सभी बातों का जवाब लेकर आए हैं। तो चलिये जानते है ट्रेन की बारे में..
ट्रेन की चाल की बात करें, तो यह कम से कम 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलती है या फिर इससे ज्यादा की गति से भी चल सकती है लेकिन मिनिमम यह 100 किलोमीटर की रफ्तार पर चलती है।
जब अचानक ट्रेन को रोकने की बात आती है तो उस दौरान इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ता है तो ट्रेन को रोकने के लिए कम से कम 1 किलोमीटर दूर का समय लग जाता है।
और यदि ट्रेन को आप तुरंत ही रोकना चाहे तो इमरजेंसी ब्रेक लगाने से ट्रेन के सारे डिब्बे पटरी से उतर जाते है जिससे काफी बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिये ट्रेन को तुंरत रोकना लोगों की मौत को बुलाने के बराबर है। जिसके चलते ड्राइवर ट्रेन को ना रोकने के लिये मजबूर हो जाता है।