वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ पाकिस्तान अब तक किसी भी फॉर्मेट का कोई भी मैच जीत नहीं पाया है। और यही सिलसिला ईडन गार्डन कोलकाता में भी देखने को मिला। इस मैच में भी पाकिस्तान के अजेय रहने का सिलसिला फिर से टूट गया हा। आखिर ऐसा क्या कारण है कि भारत के खिलाफ वर्ल्ड कप में कोई भी मैच नहीं जीत पाता है पाकिस्तान, जानिये अहम कारण-
भारत vs पाकिस्तान के बीच हुए मैच के हारने का सबसे बड़ा कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैच का ऐक्शन रीप्ले था। इसमें पाकिस्तानी की टीम ने भी वही गलती की थी जो ऑस्ट्रेलिया की टीम ने की थी। मैच की शुरूआत से पहले होने वाली टॉस जीतने की प्रक्रिया होने के बाद भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करने का मौका दिया गया। दूसरा कारण बारिश की लुका-छिपी जो भारत-पाकिस्तान मैच के हार का कारण बना।
इसके अलाव पाकिस्तान की टीम ने एक ही गलती नही की, बल्कि कई और बड़ी गलतियां भी कर डालीं। सबसे पहले तो टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला करने की भूल कर बैठी। जिसके बारें में हमने उपर ही बता दिया।
अब आप ही सोचिए, जो पाकिस्तान की टीम 6 में से 5 बार लक्ष्य का पीछा करने में हार चुकी है उसका कप्तान सातवीं बार भी पहले गेंदबाजी का फैसला करता है।
गेंदबाजी के बाद बल्लेबाजी में भी भारत ने दिखाया दम
मैच की शुरूआत रोहित शर्मा और राहुल की जोड़ी के साथ हुई जिसमें रोहित शर्मा नें धुआंधारी बल्लेबाजी करते हुये 113 गेंदों पर बनाए 140 रन बनाये। जिसमें 14 चौके और 3 छक्के शामिल हैं।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जैसे ही तीन सौ रनों का आंकड़ा पार किया। तभी लोगों की समझ में आ गया कि पाकिस्तान की टीम अब मुकाबले से बाहर हो चुकी है। वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना सबसे बड़ा 336 रनों का स्कोर बनाकर ही जीत तय कर ली थी। इसका श्रेय जाता है वर्ल्ड कप में दूसरा शतक लगाने वाले रोहित शर्मा को। जिन्होंने शानदार बल्लेबाजी की।
रोहित शर्मा के साथ आये केएल राहुल फिर विराट कोहली ने भी अर्धशतक लगाकार अपने खाते में अपने वनडे करियर के 11000 रन पूरे करके रिकार्ड तोड़ दिया।
अब उस बड़े मुद्दे पर आते हैं कि आखिर क्या वजह है कि पाकिस्तान की टीम हर बार विश्व कप में भारत से हार जाती है। आखिर क्यो एक जैसी गलतियां बार-बार कर जाती हैं पाकिस्तान अनुशासन में रहना और दबाव से दूरी।
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाजों की बल्लेबाजी देखकर ही आप समझ जायेगें कि वो पूरी नियमतता का पालन करते हुये किस तरह विरोधी टीम के खिलाड़ियों को इज्जत देते है। भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के बाद पाकिस्तान के गेंदबाजों को भी संभलकर खेला।
क्रिकेट में किसी भी टीम का जीतना एक प्रॉसेस पर निर्भर करता है और वो है अनुशासन। जो इसी प्रॉसेस का हिस्सा है। भारतीय टीम के खिलाड़ी भी यही मानकर चलते हैं कि भले ही रिकॉर्ड्स में पाकिस्तान कमजोर दिख रही हो लेकिन वो उसे किसी भी हालत में हल्के में नहीं लेना है कप्तान कोहली भी खुद यही कहते हैं कि विरोधी टीम कोई भी हो, सबसे पहले हमें अपनी टीम की क्षमता पर फोकस करना जरूरी होता है। और टीम की क्षमता ही उसके खिलाड़ियों की प्लानिंग में दिखाई देती है।
पाकिस्तान में असमय हो रही है क्रिकेट की मौत
एक समय ऐसा भी था कि जब पाकिस्तानी टीम काफी ताकतवर हुआ करती थी। लेकिल आज के समय में जिस तरह से वो डगमगा रही है उससे ज्यादा कमजोर की दूसरे देशों की टीम नही है। और पाकिस्तानी क्रिकेट के हुक्मरान शायद इस कमी को या तो गंभीरता से समझ नहीं रहे हैं या फिर उनके पास इस परेशानी से निकलने का अब कोई रास्ता नहीं है।
श्रीलंका की टीम पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की असमय मौत हुई है। पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेट पर इसका बहुत बुरा असर हुआ है। पाकिस्तान की टीम अब या तो विदेशी जमीन पर खेलती है या फिर दुबई में। जिस तरह का टैलेंट पाकिस्तान की टीम में आना चाहिए वो नहीं आता। नतीजा पाकिस्तान की टीम को मोस्ट अनप्रेडिक्टेबल टीम का दर्जा तो मिल जाता है लेकिन जीत नहीं मिलती।