नासा के वैज्ञानिक सीख रहें हैं संस्कृत भाषा, जानिए आखिर नासा क्यों अपने लोगों को पढ़ा रहा हैं संस्कृत

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आज के समय में अंग्रेजी भाषा के जानकर को लोग सहज ही समझदार की उपाधि से नवाज देते हैं। इसी कारण आज के समय में लोग अंग्रेजी बोलने के लिए तरह तरह की क्लास लेते हैं। वर्तमान में हम लोग खुद को अंग्रेज साबित करने के लिए अंग्रेजी भाषा पर जोर दे रहें हैं, पर दूसरी और अमेरिका की नासा अपने वैज्ञानिकों को संस्कृत का अभ्यास करवाने में जुटी हुई हैं। यह जानना बेहद रोचक होगा की नासा वाले आखिर क्यों संस्कृत भाषा को जानने पर जोर दे रहें हैं।

The Ethnologue catalogue of world languages के हिसाब से दुनिया भर में लगभग 6909 भाषाएं हैं। इन सभी भाषाओं में वर्तमान में चाइनीज भाषा को सबसे फेमस माना जाता हैं। वहीं दूसरी और इटैलियन तथा फ्रैंच भाषाओं को सबसे खूबसूरत माना जाता हैं। सबसे पुरानी भाषा की बात करें तो वह “तमिल” मानी जाती हैं लेकिन फिर भी नासा वाले संस्कृत भाषा के पीछे पड़े हैं। इसके पीछे आखिर क्या कारण हैं, उसी के बारे में आज आपको यहां बताया जा रहा हैं।

इसलिए संस्कृत हैं ख़ास –

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सबसे पहली बात यह हैं कि संस्कृत भाषा का क्षेत्र अब तक की सभी भाषाओं से बड़ा हैं। इसमें जितने शब्द हैं उतने अभी तक की किसी भाषा में नहीं मिलते हैं। आपको बता दे कि अभी तक संस्कृत भाषा में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्दों का उपयोग किया जा चुका हैं। जानकार मानते हैं कि इस भाषा का उपयोग यदि कम्प्यूटर में होने लगे तो यह और भी ज्यादा बढ़ जायेंगे। असल बात यह है कि संस्कृत भाषा में आप अपनी बात को बेहद कम शब्दों में पूरा कर सकते हैं।

नासा कर रहा हैं संस्कृत पर रिसर्च –

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वर्तमान समय की बात करें तो एमआईटी तथा यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो जैसे उच्च संस्थान अपने यहां के विद्यार्थियों को संस्कृत पढ़ा रहें हैं। इसके अलावा नासा में भी एक विशेष विभाग बना हुआ हैं जोकि प्राचीन हस्तलिखित संस्कृत भाषा पर रिसर्च कर रहा हैं।

इनका मानना हैं कि संस्कृत इस दुनिया में बोली जाने वाली अब तक की सभी भाषाओं में से सबसे स्पष्ट भाषा हैं। नासा कम्प्यूटर की 6वीं और 7वीं जनरेशन पर वर्त्तमान में काम रही हैं जो कि संस्कृत भाषा पर आधारित हैं। इस भाषा को समझने के लिए वह करीब 60 हजार संस्कृत पांडुलिपियों पर रिसर्च कर रहा हैं।

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