भगवान के दर्शनों के लिए लोग तरह-तरह के कार्य करते हैं, इनमें से बहुत से कार्य तो बहुत ही कठिन होते हैं, पर उत्तर प्रदेश में एक स्थान ऐसा भी है जहां पर भगवान सदियों से पानी में अपने दर्शन देते आ रहें हैं। जी हां, यह सच है कि भगवान लोगों को पानी में सदियों से दर्शन देते आ रहें हैं और लोग भगवान के दर्शन कर उनकी पूजा अर्चना आदि भी रोज करते है, आज हम आपको इस बारे में जानकारी दे रहें हैं, तो आइए जानते हैं इस बारे में।
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आपको सबसे पहले हम बता दें कि पानी पर भगवान को प्रकट करने का यह कारनामा उत्तर प्रदेश के बृज क्षेत्र के कुछ गिने चुने भक्त ही करते हैं। असल में ये चंद लोग पानी पर कलाकृति बनाने का हुनर रखते हैं। आपके द्वारा किया जाने वाला राधा कृष्ण का वर्णन सुनकर, ये वैसी की कलाकृति को पानी पर हू-ब-हू उकेर देते हैं, इसी को लोग “पानी में भगवान के प्रकट होने की घटना” का नाम देते हैं।
आपको हम बता दें कि बृज के ये कलाकार खुद भी भगवान कृष्ण तथा देवी राधा के भक्त हैं और वर्तमान में ये चंद लोग ही रह गए हैं, जो की पानी पर तस्वीर बनाने की कला में महारत हासिल किए हुए हैं। पानी पर चित्र बनाने की इस कला को “सांझी कला” कहा जाता है और आज महज 4 या 5 लोग ही इस कला को जानते हैं और वो भी बृज के क्षेत्र में।
इन्हीं लोगों में से 2 लोग “सुमित और युदूनन्दन” हैं, जो की वृन्दावन के रहने वाले हैं और पानी पर तस्वीर बनाने में महारत हासिल किये हुए हैं। इनके द्वारा पानी पर राधा देवी या भगवान कृष्ण की जो भी तस्वीर बनाई जाती है उसकी आरती तथा पूजन भी किया जाता है और बाद में वह तस्वीर मिटा दी जाती है, हालही में ये दोनों कलाकार आगरा के एक सम्मलेन में भाग लेने पहुंचे जहां इन दोनों को सम्मानित किया गया था।