वैसे शादी विवाह के अनेक तौर तरीके तथा परम्पराएं दुनिया में मौजूद हैं पर आज हम आपको विवाह की एक ऐसी प्रथा के बारे में बता रहें हैं जिसमें लड़की का निकाह किसी आदमी के साथ नहीं, बल्कि “कुरान” के साथ कर दिया जाता है।
जी हां, आपने भी शायद इस प्रकार के निकाह की किसी परंपरा के बारे में नहीं पढ़ा होगा, पर यह सच है कि दुनिया में एक स्थान ऐसा भी है जहां लड़कियों का निकाह परंपरा के नाम पर “कुरान” के साथ कर दिया जाता है और आज हम आपको इस बारे में ही जानकारी दे रहें हैं, तो आइए जानते हैं इस परंपरा और इस स्थान के बारे में…
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परंपरा के नाम पर “कुरान” के साथ लड़कियों का निकाह कराने वाले इस देश का नाम “पाकिस्तान” है। यहां पर इस परंपरा को “हक़ बख्शीश” कहा जाता है, हालांकि पाकिस्तान के संविधान के अनुसार यह परंपरा गैर कानूनी है और इस प्रथा में पकड़े गए गुनाहगारों के लिए 7 वर्ष की कैद का प्रावधान है, पर फिर भी धर्म की आड़ में यह कार्य चल रहा है और लड़कियों का जीवन बर्बाद किया जा रहा है।
इस परंपरा के अनुसार लड़की का निकाह इस्लामिक धर्म ग्रंथ “कुरान” से कर दिया जाता है और इसके बाद वह लड़की ताउम्र “कुरान की बीवी” कहलाती है तथा फिर कभी उसका निकाह नहीं हो पाता है। इस प्रकार की लड़की का ज्यादा समय फिर कुरान को पढ़ने में ही जाता है और वह “हाफीजा” बन जाती है। पाकिस्तान के कानून के अनुसार यह एक कुप्रथा है और बहुत लोग इसको सिर्फ अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए संपन्न करते हैं। यह प्रथा सबसे ज्यादा पाकिस्तान के सिंध प्रांत में प्रचलित है।