मंदिर वैसे तो भगवान के ही होते हैं, पर अपने देश में एक ऐसा भी मंदिर है जोकि “सास-बहु” के नाम पर है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहें हैं, जोकि सास-बहु में नाम से विख्यात है ना की किसी भगवान के नाम से। आज भी इस मंदिर में बहुत से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं, आइए आपको विस्तार से बताते हैं इस मंदिर के बारे में।
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सबसे पहले आपको बता दें कि यह मंदिर ग्वालियर में बना है। इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह बहुत सुंदर मंदिर है। आपको हम यह भी जानकारी दे दें कि 1092 ईस्वी में यहां के राजा महिलापाल थे जो कि कच्छवाहा वंश से थे।
राजा की धर्म पत्नी भगवान विष्णु की भक्त थी इसलिए राजा महिपाल ने अपनी पत्नी के लिए भगवान विष्णु का एक विशाल और सुंदर मंदिर बनवाया, जिसका नाम “सहस्त्रबाहु मंदिर” रखा। कुछ समय बाद में रानी के लड़के की शादी हुई और उसकी पत्नी भगवान शिव की भक्त थी, जिसके कारण रानी ने सहस्त्रबाहु मंदिर के पास में ही भगवान शिव के मंदिर का निर्माण करा दिया।
सहस्त्रबाहु मंदिर ही कालांतर में अपभ्रंश होकर और “सास-बहु” मंदिर कहलाने लगा, इस प्रकार से इस मंदिर का नाम सास-बहु मंदिर हो गया। आज भी बहुत लोग इस मंदिर में आते हैं। इस मंदिर की छत पर चढ़कर ग्वालियर शहर को देखने के लिए भी बहुत से लोग यहां पहुंचते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर प्राचीन समय की नक्काशी आज भी लोगों का मन मोह लेती है।