महात्मा गांधी को कौन नहीं जानता। वो विश्वभर में शांति और अहिंसा के ब्रांड हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने उनसे प्रेरणा ली और अपने साथ- साथ दूसरों का भी जीवन बदलने में सफल रहे। आज महात्मा गांधी के 68वें शहीदी दिवस पर हम आपको बता रहे हैं दुनिया के उन 5 लोगों के बारे में जिन्होंने गांधी के विचारों को अपने जीवन में उतारा और उनके जैसे कार्य अपने समाज में प्रचलित किये। जिसके बाद इन लोगों को भी “गांधी” कहा जाने लगा।
दुनिया के 5 गांधी –
1- नेल्सन मंडेला
नेल्सन मंडेला को “गांधी ऑफ साउथ अफ्रीका” कहा जाता है। महात्मा गांधी उनके आदर्श पुरुष थे। नेल्सन मंडेला साउथ अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे। रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उनको अपने जीवन के 27 साल जेल में बिताने पड़े। संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्म दिवस को “अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस” मनाने का निर्णय लिया था।
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2- वागड़ के गांधी
राजस्थान के “भोगीलाल पंड्या” को वागड़ का गांधी कहा जाता है। इनके समाजसेवी कार्यों के लिए भोगीलाल पंड्या को पद्म पुरस्कार भी दिया गया। सामाजिक कार्यों के अलावा भोगीलाल पंड्या ने “हरिजन उद्धार” और वनवासी लोगों के लिए कई प्रकार की संस्थायें बनाई और इन लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ा। आदिवासी और वनवासी लोगों के आलावा समाज के दलित लोग उनको देवतुल्य मानते थे।
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3- पाकिस्तान के गांधी
पाकिस्तान के “अब्दुल सत्तार ईदी” को पाकिस्तान का गांधी कहा जाता है। इनका जन्म अविभाजित भारत के गुजरात में हुआ था, पर भारत विभाजन उनको पाकिस्तान ले गया। अब्दुल सत्तर अब तक 16 बार नोबल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हो चुके हैं और इनको “शांति पुरस्कार” से भी नवाजा जा चुका है।
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4- दक्षिण के गांधी
इनको यदि साउथ का सीएम कहा जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। इनका नाम है “के कामराज”, ये अपनी ईमानदारी के लिए बहुत प्रसिद्ध रहे। 1976 में इनको “भारत रत्न” भी मिला था। तमिल में आजादी के बाद जन्मी पीढ़ी के लिए इन्होंने ही बुनियादी आधार रखा और शिक्षा को बढ़ावा देने लिए 11 तक शिक्षा को मुफ्त और अनिवार्य कर दिया था। इस कारण वहां शिक्षा का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ा।
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5- मुस्लिम गांधी
“खान अब्दुल गफ्फार खान” को सीमांत गांधी कहा जाता है। गफ्फार खान पहले ऐसे गैर भारतीय हैं जिनको “भारत रत्न” दिया गया है। ये मूलत: बलूचिस्तान के रहने वाले थे। इन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। ये अंग्रेजों के विरुद्ध “अहिंसावादी” आंदोलनों के कारण प्रसिद्ध हुए।