कहते है भूंकप के आने की सबसे पहले खबर पशु-पक्षी से लेकर जानवर तक हो जाती है और वो इसका संकेत हमें पहले से ही देकर सजग कर देते है। पर हम इनके इशारों के ना समक्ष पाने के कारण इस त्रासदी का शिकार बन बैठते है, पर क्या आप जानते है कि धरती की अपेक्षा पानी में रहने वाले जीव इस के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते है।
शोध के अनुसार माना जाता है कि जमीन के अंदर मौजूद पानी के रसायन में कुछ खास प्रकार के परिवर्तन होने लग जाते है, जिसकी वजह से पानी के अंदर रहने वाले जीव इस संकेत को समझ जाते है।
Image Source:
ओरफिश
ओरफिश नाम की मछली का तट पर मिलना इतना आसान नहीं होता, पर भूकंप आने के संकेतों को समझ कर ये तुंरत ही बाहर के तट पर आ जाती है। इसको जापान के लोग मैसेंजर फ्रॉम द सी गॉड के नाम से भी जानते है। जापान में आया 2011 का भूंकप और सुनामी और चिली के 2010 का भूकंप इस मछली के संकेत का सबसे बड़ा उदाहरण है।
मेंढक
शोध के अनुसार बताया जाता है कि पानी के अंदर रहने वाले मेढक भी तालाबों को छोड़कर बाहर आ जाते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धरती के अंदर पड़ रहें दबाव के कारण चट्टानों से चार्जड कण निकलने लगते है, जिससे पानी पर इसका असर देखने को मिलता है और इस बदलते असर को मेढ़क तुरंत ही भांप जाते है और तालाब छोड़ देते है।