क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि हम घड़ी अपनी कलाई पर क्यों बांधते हैं या फिर घड़ी को कलाई में बांधना है यह बात सबसे पहले किस शख्स के दिमाग में आई होगी। दरअसल सबसे पहले दुनिया में इस बारे में जिस व्यक्ति ने सोचा, वह थे ब्लेज पास्कल। ब्लेज का जन्म सन् 1623 में हुआ था। वह फ्रांस के रहने वाले थे और एक वैज्ञानिक थे। उन्होंने अपने जीवन में कई आविष्कार किए और घड़ी को कलाई में बांधना भी हमने उन्हीं ने सीखा है।
आप ये बात भी शायद ही जानते हों कि इस खोज से पहले लोग घड़ी को अपनी जेब में रखा करते थे। सबसे पहले ब्लेज के दिमाग में ही यह विचार आया कि क्यों ना घड़ी को कलाई पर पहना जाए। इसके लिए उन्होंने एक सुतली ली और उसकी मदद से घड़ी को अपनी कलाई में पहना। जब लोगों ने उन्हें ऐसा करते देखा तो उन्हें घड़ी अपने पास रखने का यह तरीका काफी पसंद आया और सबने ऐसा ही करना शुरू कर दिया। जिसके बाद घड़ी के पट्टे का आविष्कार हुआ।
अपने जीवन में किए कई आविष्कार
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पास्कल ने अपने जीवन में कई चीज़ों का आविष्कार किया। बड़े-बड़े हिसाब झट से करने वाले कैलकुलेटर का आविष्कार भी पास्कल ने ही किया था। इसके अतिरिक्त मेडिकल साइंस में इस्तेमाल होने वाली सीरिंज के आविष्कारक भी पास्कल ही थे। इस सीरिंज की मदद से उन्होंने द्रव्य का प्रेशर स्थापित किया। उन्हीं के नाम पर पास्कल का सिद्धांत भी बना।
दांत में दर्द होने पर हल करने लगे गणित के सवाल
वैज्ञानिक ब्लेज पास्कल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। एक बार की बात है कि उनके दांतों में तेज दर्द हो रहा था। जब उन्हें लगा कि दर्द ठीक नहीं हो रहा है तो वह गणित के एक सवाल को हल करने लगे। इस सवाल का जवाब ढूंढने में वह इतने खो गए कि अपने दांत का दर्द भी भूल गए। इस सवाल का हल ढूंढ़ने में उन्हें दो दिन का समय लगा। सिर्फ 39 साल की उम्र में पास्कल की मृत्यु हो गई। इतनी कम उम्र में पास्कल ने ऐसे-ऐसे आविष्कार किए जो आगे चल कर समाज के लिए वरदान सिद्ध हुए। उस वक्त भी पास्कल की सोच में ऐसी दूर दर्शिता थी जो आज के मॉडर्न समय में भी देखने को नहीं मिलती।