किसान को बैल या ट्रैक्टर की सहायता से खेत जोतते आपने देखा ही होगा, पर क्या आपने किसी किसान को अपनी ही लड़कियों को बैलों की तरह खेत में काम करवाते देखा है? यदि नहीं, तो आपको बता दें कि हाल ही में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक किसान अपनी ही बेटियों को हल में जोड़ कर खेत जुतवाने पर मजबूर है। अपने अब तक बारिश न होने पर या फसल बर्बाद होने की खबरें पढ़ी ही होंगी और यह भी देखा होगा कि सरकार ऐसे मामलों में मुआवजे की भी घोषणा करती है, पर जो तस्वीर सामने आई है उसे देखकर आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि किसान के पास में आज पुराने ढंग से खेती करने के संसाधन भी नहीं है, तब ऐसे में फसल कहां से होगी।
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आपको बता दें कि यह दर्द भरी तस्वीर मध्य प्रदेश से सामने आई है। मध्य प्रदेश के सिहोर के बसंतपुर पांगरी गांव के निवासी किसान “सरदार बरेला” की यह तस्वीर वर्तमान में काफी चर्चा में है। सरदार बताता है कि आर्थिक परेशानी के चलते उसको अपनी बेटियों की पढ़ाई छुड़वानी पड़ी वहीं दूसरी ओर उसके पास बैल खरीदने के लिए पैसे भी नहीं थे, इसलिए उसने अपनी ही बेटियों को हल के साथ जोड़कर मक्के की खेती के लिए खेत जोतना शुरू कर दिया। सरदार नामक इस किसान की 2 बेटियां हैं जिनमें से एक राधिका 14 वर्ष की है, तो छोटी कुंती महज 11 वर्ष की है। इस किसान पर प्रशासन की नजर पड़ी, तो वहां के डीपीआरओ आशीष शर्मा ने इस बारे में बताते हुए कहा है कि हमने उस किसान से बात की है और कहा है कि वह ऐसा काम न करे और उसको हर संभव मदद देने का वायदा भी किया है। वर्तमान में केंद्र सरकार “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना तो चलाती है, पर बेटियों को पढ़ाने के लिए जिन संसाधनों की जरूरत पड़ती है, उनकी पूर्ति की ओर ध्यान नहीं देती, दूसरी ओर किसान के लिए सरकार मुआवजों की बात तो करती हैं, पर मुआवजा तो तब ही मिलेगा न जब फसल होगी। आज किसान के पास जब खेती के लिए ही साधन नहीं है, तब फसल किस प्रकार से हो सकती है। सरकार को अपनी नीतियों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है और नई नीतियों के बनाने की भी।