क्लियोपेट्रा एक ऐसा नाम जिसका कहानी आज भी लोगों की जुबां से सुनी जा सकती है। आज भी इतिहास के पन्नों में उनकी रहस्य की गाथाओं से परदा हटाने का सिलसिला थमा नहीं है। उनके बारे में कहा जाता है कि वो जितनी सुंदर और सेक्सी थीं उससे कहीं ज्यादा अधिक चलाक, चतुर, षड्यंत्रकारी और क्रूर भी थीं। वो अपनी सुंदरता से लोगों को वश में करके लोगों को अपने मोह जाल में असानी से फंसा लेती थी। अपने काम को सही दिशा देने के लिये वो राजाओं और सैन्य अधिकारियों को अपनी सुंदरता के मोहपाश में बांधकर उनको ठिकाने लगा देती थी। इतिहासकारो का मानना है कि उनकी मौत का कारण सर्पदंश बना था। लेकिन कुछ मानते हैं कि उनकी मौत मादक पदार्थो के सेवन ज्यादा मात्रा में करने से हुई थी।
रोम की तीन ताकतें
क्लियोपेट्रा को दुनिया की सबसे खूबसूरत और अमीर औरतों में से एक माना जाता था। वह तीन ताकतवर पुरुषों की महाप्रतिद्वंद्वी भी थीं- जूलियस सीजर, मार्क एंथोनी और ऑक्टेवियन।
पांच भाषाओं की ज्ञाता
कहा जाता है लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिये उन्हे 5 भाषाओं का ज्ञान था और वह एक चतुर राजनीतिज्ञय थीं। और यही कारण था कि वे बहुत जल्दी लोगों से घुलमिलकर उसके सारे राज जान लेती थीं और इसी के चलते उनका शारीरिक संबंध सैकड़ों पुरुषों से था। अपने शासन और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए क्लियोपेट्रो सब कुछ करने को तैयार रहती थी।
क्लियोपेट्रा का संबंध भारत से भी था
क्लियोपेट्रा को भारत के गरम मसाले, मलमल और मोती काफी पंसद रहते थे जिसको पाने के लिये वो भरे जहाज सिकंदरिया के बंदरगाह में खरीद लिया करती थीं।
फराओ वंश की अंतिम शासक
बताया जाता हैं कि क्लियोपेट्रा का शासनकाल 51 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक रहा। वह मिस्र पर शासन करने वाली अंतिम शासिका थीं। कहते हैं कि जब क्लियोपट्रा 17 वर्ष की थीं तभी उनके पिता की मौत हो गई। पिता की वसीयत के अनुसार उनको और उनके छोटे भाई तोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ था। और इस राज्य को पाने के लिये उन्हे मिस्री प्रथा के अनुसार अपने इसी छोटे भाई के साथ शादी करनी थी लेकिन राज्याधिकार के लिए संघर्ष के परिणामस्वरूप उन्हें राज्य से हाथ धोकर सीरिया भागना पड़ा।
जूलियस सीजर का साथ
क्लियोपेट्रा ने हार नही मानी। उसी समय जूलियस सीजर अपने दुश्मन पोंपे का पीछा करता हुआ मिस्र आ पहुचां। वहां उसने क्लियोपेट्रा को देखा और उसकी सुंदरता का दीवाना हो गया। क्लियोपेट्रा की सुंदरता के मोहपाश में फंसने के बाद वह उसकी ओर से युद्ध कर उसको मिस्र की रानी बनाने के लिए तैयार हो गया।
जूलियस सीजर ने तोलेमी से युद्ध कर उसे मारा गिराया और क्लियोपेट्रा को मिस्र के राजसिंहासन पर बैठा दिया। मिस्र की प्राचीन प्रथा के अनुसार वह अपने एक अन्य छोटे भाई के साथ मिलकर राज करने लगीं। लेकिन जल्द ही उसने अपने छोटे भाई को मौत के घाट उतारकर रास्ते से हटा दिय़ा। इसके बाद क्लियोपेट्रा के आदेश पर उसकी बहन अरसीनोई को भी खत्म कर दिया गया।
जूलियस सीजर से क्लियोपेट्रा के संबंध
माना जाता है कि रोमन सम्राट जूलियस सीजर के साथ क्लियोपेट्रा ने रहना शुरू कर दिया। और उसी संबंध के दौरान उससे एक पुत्र भी हुआ। किंतु रोम की जनता को इस संबंध को मानने के लिये तैयार नही थी वो उन्हे सिर्फ राजा की रखैल समझती थी। इसी कारण रोमन जनता इस संबंध का विरोध करती रही।
इसके बाद से रोमन शासक जूलियस सीजर नें क्लियोपेट्रा से दूरियां बनाना शुरू कर दिया। इसका सीधा फायदा जूलियस सीजर के जनरल मार्क एंथोनी ने उठा लिया। और वो क्लियोपेट्रा को अपना दिल दे बैठा। क्लियोपेट्रा को जब इस बात का पता चला तो दोनों ने नजदिकीयां बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों नें शादी कर ली। एंथोनी से उनके 3 बच्चे हुए। एंथोनी के साथ मिलकर उसने मिस्र में अपने संयुक्त रूप से सिक्के भी ढलवाए थे।
44 ईसा पूर्व में जूलियस सीजर की हत्या कर दी गई। सीजर की मौत के बाद उसके वारिस गाएस ऑक्टेवियन सीजर से एंथोनी और क्लियोपेट्रा ने साथ मिलकर रोमन साम्राज्य से टक्कर लेने की योजना बनाई। लेकिन दोनों के लिये ऑक्टेवियन की सेना भारी पड़ गई। जिससे उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।
क्लियोपेट्रा का पलायन
ऑक्टेवियन सीजर से हार मानकर क्लियोपेट्रा अपने 60 जहाजों के साथ युद्धस्थल से सिकंदरिया की ओर भाग खड़ी हुई। एंथोनी भी उसके पीछे-पीछे भागकर उससे आ मिला। बाद में ऑक्टेवियन के साथ मिलकर क्लियोपेट्रा ने एंथोनी को भी धोखा देना शुरू कर दिया। और ऑक्टेवियन के कहने पर वह एंथोनी की हत्या करने की साजिश तक रच डाली। उसने एंथोनी को मारने के लिये उसे बहला-फुसलाकर साथ-साथ मरने के लिए तैयार कर लिया। और उसे समाधि भवन में ले गई। जिसे उसने एंथोनी के लिये बनवाया था। वहां एंथोनी को यह भ्रम था कि क्लियोपेट्रा आत्महत्या कर चुकी है, और उसने उसे मरता देख अपने जीवन का अंत कर लिया।
क्लियोपेट्रा की मौत एक रहस्य
लेकिन क्लियोपेट्रा मरी नही थी उसे तो ऑक्टेवियन को भी अपने रूप-जाल में फांसकर मिस्र की सत्ता जो प्राप्त करनी थी जिसकी वो योजना भी बना चुकी थी। ऑक्टेवियन क्लियोपेट्रा की चाल को समझ चुका था और उसके रूप-जाल में नहीं फंसा। उसने उसको मारने के लिये एक डंकवाले जंतु का इस्तेमाल कर उसकी हत्या करवा दी। और 39 वर्ष की उम्र में क्लियोपेट्रा की मौत हो गई। क्लियोपेट्रा की मौत के बाद मिस्र रोमन साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
हालांकि कुछ लोगों का मानना हैं कि उसने एंथोनी को धोखा देकर मारा नहीं था। बल्कि खुद उसने एंथोनी के सामने ही सर्पडंक लगवाकर आत्महत्या कर ली थी। और जब एंथोनी ने देखा कि क्लियोपेट्रा मर गई है तब उसने भी आत्महत्या कर ली, क्योंकि वा जानता था कि ऑक्टेवियन या उसके सैनिक उसे मार ही देंगे।
कुछ लोगों का मानना यह भी है कि प्राचीन मिस्र की विख्यात महारानी क्लियोपेट्रा की मौत सर्पदंश से नहीं, बल्कि अधिक मात्रा में मादक पदार्थों का सेवन लेने से हुई थी। आधुनिक शोध में दावा भी किया गया है कि अफीम और हेम्लाक (सफेद फूलों वाले विषैले पौधे) के मिश्रण के सेवन की वजह से उनकी मौत हुई थी। क्लियोपेट्रा का निधन अगस्त 30 ईसा पूर्व में हुआ था और हमेशा से यही समझा जाता रहा है कि उनकी मौत कोबरा सांप के काटने से हुई थी।