हम सब जानते है कि अंडे केवल पक्षी ही देते हैं। लेकिन क्या हो अगर अंडे पेड़ पौधों पर उगने लगें तो। तब आप क्या कहोगे। कई लोगों से जब कहा जाता है कि क्या वे शाकाहारी हैं तो उनका बड़ा हीअजीब जवाब होता है। कि हां वे शाकाहारी हैं पर वे अंडा खाते हैं। इन शब्दों को सुनने वाले का सिर चकरा जाता है। क्यों वह लोग अंडे को शाकाहारी नहीं मानते। पर यदि अंडे पेड़ पर उगने लगें तो आप क्या कहोगे। आज हम आपको एक ऐसे ही अंडे के बारे में बता रहें हैं जो पेड़ पर उगता है। यह अंडा मुर्गी के अंडे के जैसा ही होता है। इस अंडे की खासियत यह है की आपको इस वैजी एग में भी रियल एग जैसी ही पिली जर्दी दिखाई पड़ेगी। आपको बता दें कि इस अंडे को निर्मित करने के लिए वनस्पति तेल तथा जेल का उपयोग किया गया है पर इसमें वास्तविक अंडे की तरह कोलेस्ट्रोल नहीं होता है। इस अंडे को बनाने के लिए जिस पौधें का उपयोग हुआ है उसको ‘सोयाबीन का पौधा” माना जा रहा है।
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आपको बता दें कि इस अंडे को उडीन यूनिवर्सिटी के विज्ञान विभाग के 4 विद्यार्थियों ने मिलकर तैयार किया है। इस आइडिया को इन स्टूडेंट्स ने पेटेंट करा लिया है। इन 4 स्टूडेंट्स में से एक फ्रैंसेसा जुकोलो ने इस बारे में बताते हुए कहा कि “इस अंडे की सही रेसिपी बनाने में उनको 18 माह का समय लगा। इस अंडे का निर्माण फलीदार पेड़ के बेस से किया गया है।” इस अंडे के अंदर से इन लोगों ने प्रोटीन, वेजिटेबल तेल तथा जेल जैसा पदार्थ निकाला तथा इसके अंदर से एक ख़ास तरह का नमक भी निकाला ताकि इसका स्वाद शाकाहारी अंडे की तरह ही लगे। बाजार की कई बड़ी कंपनियां इन स्टूडेंट्स से संपर्क कर चुकी है और वे इनके इस प्रोडक्ट को बाजार में उतारना चाहती हैं। फ्रंसेसा इस बारे में बताती है कि “इस शाकाहारी अंडे में वे ही फ़ूड कंपनियां दिलचस्पी लेंगी जो शाकाहारी लोगों के लिए उत्पाद बनाती हैं। इस अंडे को किराने की दूकान पर आसानी से बेचा जा सकता है और अगर लोगों में इसकी डिमांड ज्यादा हुई तो इसे सुपर मार्किट में भी बेचा जा सकता है।” इस प्रकार से पेड़ पर तैयार यह शाकाहारी अंडा अब जल्दी ही आपको बाजार में आने वाले समय में मिल सकता है।