सैंटा क्लॉज नहीं बल्कि इस वजह से मनाते हैं पवित्र क्रिसमस का त्योहार

-

क्रिसमस का त्‍यौहार जितने नजदीक आ रहा है बच्चों से लेकर बड़ें तक के लोगों का उत्साह उतनी ही तेजी से बढ़ते हुये दिख रहा है मार्केट में रंग बिरंगे सातां के कपड़े नजर आ रहे है। क्योकि क्रिसमिस के इस बड़ें त्यौहार में लोग सांता क्‍लॉस को पहले याद करते है। गोलमटोल आकार के वो सांता, जो बच्चों के लिये ढ़ेर सारे उपहार लेकर आते है और हम सभी को खुश कर देते है। क्रिसमस के दौरान आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं, आपको हर जगह सांता क्‍लॉस का एक ही रूप देखने को मिलेगा। पर क्या आप जानते है कि इसामसीह की याद में मनाये जाने वाले इस पर्व में लोग इसामसीह के साथ को सांता को क्यो याद करते है आखिर कौन है सांता, कहां से आया है और इतना लोकप्रिय कैसे हुआ। सांता के बारे में कई मिथक भ्रम व्‍याप्‍त है, आइए जानते है इनके के बारे में :

क्रिसमस डे

ये तो सभी जानते है कि क्रिसमस का पर्व ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है लेकिन ईसा मसीह के जन्मदिन में सैंटा का क्या कनेक्‍शन है। ये कोई नही जानता, ना ही इनकी उत्‍पत्ति के बारे में किसी को पता है।

सैंटा क्लॉज़ से जुड़े इस सवाल के जवाब में यह पाया गया कि संत निकोलस  को सैंटा का असल रूप  माना गया हैं। सैंटा क्लॉज़ का जन्म तीसरी शताब्दी में आखिरी बाईबल लिखे जाने के 100 साल बाद हुआ था। इसलिए उनका ज़िक्र बाईबल में नहीं मिला है। सैंटा उर्फ़ संत निकोलस का जन्म 270AD में हुआ था।

क्रिसमस डे

सैंटा क्लॉज़ नाम संत निकोलस (Saint Nicholas) से पड़ा है। डच भाषा में इसे Sinter Klass कहा जाता है, यहां Sinter का मतलब संत और Klass का मतलब Nicholas है। जब डच पुर्तगाली अमेरिका पहुंचे, तो वहां के लोगों से Sinter Klass का नाम  सैंटा क्लॉज़ के रूप में तब्दील हो गया। और लोग Saint Nicholas को सैंटा क्लॉज़ के नाम से जानने लगे।

Saint Nicholas एक ग्रीक बिशप थे। एक राईस परिवार में जन्म लेने के कारण वो हर असाह लोगों की सेवा के लिये हमेशा आगे रहते थे। वो हर गरीबों की सेवा करते थे। क्योकि उनसे किसी का भी दुख देखा नहीं जाता था। इसलिए वो रात को छुपकर लोगों की जरूरत के अनुसार समान ले जाकर चुपचाप रात को रख देते थे। जिसे लोग अपने इश्वर का उपहार समझते थे। बच्चों और ज़रूरतमंदों को उपहार देकर खुश रखने से उन्हें शांति महसूस होती थी।

क्रिसमस डे

इसी कारण इनसे संबंधित जूते या जु़राब के अंदर सोने के सिक्कों के साथ कई तरह के कीमती उपहार की कई कहानियां तब सुनने को मिलती थी। इसलिए आज भी कहा जाता है कि रात को सैंटा क्लॉज़ आएंगे और बच्चों के जूतों और जु़राबों   में उपहार रख कर चले जाएंगे।

हालांकि, ईसा मसीह के जन्मदिन से सैंटा का कोई स्थान नहीं है, लेकिन फिर भी ईसाई धर्म में ईसा मसीह और मदर मैरी के बाद उनका नाम ही सबसे अधिक लिया जाता है। इसलिए ये कहना ग़लत न होगा कि उनके बिना क्रिसमस का त्यौहार अधूरा है।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments