आखिर क्यों लगाया जाता है लिफ्ट में शीशा, कभी सोचा है आपने

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लिफ्ट की सुविधा के आ जाने के बाद लोगों की बहुत सी परेशानियां हल हो गई। अब लोगों को बड़ी बड़ी इमारतों की ऊपरी मंजिलो तक जाने के लिए सीढियों का इस्तेमाल करने की जरुरत नही पड़ता है। लिफ्ट के आने से पहले यह परेशानी काफी आम रहती थी कि बुर्जुग व अपाहिज लोगों के लिए ऊंची इमारते चढ़नी संभव ही नही हो पाती थी। आज लगभग हर इमारत में इसे लगाया जाता है। इसको यूज करते समय हर किसी ने शायद यह बात नोटिस की होगी कि अधिकतर लिफ्टों में शीशा लगाया जाता है। हम उसे देखते हैं और अपना चेहरा निहार कर आगे बढ़ जाते है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसे क्यों लगाया जाता है। चलिए आज इसी बारे में जानते है।

1- लिफ्ट की गति से थी लोगों को दिक्कत

लिफ्ट की गति से थी लोगों को दिक्कतImage source:

इसके बारे जानने से पहले आपको लिफ्ट के इतिहास के बारे में थोड़ा जानने की जरुरत पड़ेगी। दरअसल लिफ्ट के आविष्कार के शुरुआती समय में इसमे शीशे नही लगाए गए थे। मगर अचानक से इसे बनाने वाली कंपनियों ने इनका इस्तेमाल करना शुरु कर दिया। इसकी वजह यह थी कि जो लोग इसका इस्तेमाल करते थे उन्होंने अपनी शिकायत में यह कहा कि लिफ्ट की गति काफी अधिक है और इसे धीमा करना काफी जरुरी है। मगर इसकी स्पीड को इतना कम करना सही नही रहता है।

2- ध्यान भटकाने के लिए निकाला तरीका

 ध्यान भटकाने के लिए निकाला तरीकाImage source:

कंपनी के डिजाइनरों ने जब इस परेशानी पर चर्चा किया तो यह सामने आया कि लोगों को इसकी स्पीड इस वजह से पता चलती है क्योंकि अंदर जाने के बाद लोगों का ध्यान केवल इसके ऊपर व नीचे जाने की गति पर ही रहता है। लेकिन इसमे किसी ऐसी चीज को लगा दिया जाए जिससे लोगों का ध्यान इसकी गति की ओर जाए ही न तो इस परेशानी का हल हो जाएगा। इसलिए लोगों के ध्यान किसी और चीज पर केंद्रित करने के लिए उन्होंने इसमे शीशा लगा दिया। इससे लिफ्ट में आने वाले व्यक्ति का पूरा ख्याल अपना चेहरा देखने में ही रहता था।

3- तरकीब रही पूरी तरह से सफल

तरकीब रही पूरी तरह से सफलImage source:

डिजाइनरों की यह तरकीब पूरी तरह से सफल रही। लोगों द्वारा आने वाली शिकायते पूरी तरह से बंद हो गई और कंपनी को इसके डिजाइन को बदलने की जरुरत भी नही पड़ी। अपने इस उपाय को पुख्ता करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक सर्वे भी किया था जिसमे उन्होंने लिफ्त को इस्तेमाल करने वाले लोगों से इसकी स्पीड को लेकर सुझाव मांगे थे। इस सर्वे में अधिकतर लोगों ने इसकी गति को बिल्कुल सही बताया। बहरहाल यह वजह थी लिफ्ट के अंदर शीशा लगाने की, चलो कारण कुछ भी हो, कम से कम हम इसमे जाकर खुद को निहार तो सकते हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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