किसी भी मृत व्यक्ति के शरीर या शव के पास जाने के लिए कोई भी एक बार सोचता जरूर है और जहां तक बच्चों का सवाल है तो बड़े लोग बच्चों के सामने इस प्रकार की बात करना भी सही नहीं समझते हैं पर आज हम आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में बता रहें हैं जहां के बच्चे सैकड़ों शवों के साथ में बैठ कर खाते हैं और उनके ही साथ में खेलते हैं। पहली बार आपको यह बात अजीब लगेगी पर यह सच है। आइये जानते हैं इस स्कूल के ही बारे में।
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यह स्कूल बिहार के लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड क्षेत्र में बना है। इस स्कूल के बच्चों को आप देखेंगे तो समझ जायेंगे की ये बच्चे सचमुच मृत लोगों के बीच में ही खेलते हैं और उनके साथ में खाते हैं। असल बात यह है कि इस स्कूल में वर्तमान में 80 से ज्यादा की संख्या में बच्चे हैं और पढ़ाने वाले सिर्फ दो शिक्षक, इसके अलावा इस स्कूल की सौ परेशानियां और हैं पहली यह कि यह स्कूल कब्रिस्तान के बिल्कुल करीब ही बना है और दूसरी यह की इस स्कूल में पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही कमरा है। कब्रिस्तान के पास में ही स्कूल होने के कारण स्कूली बच्चे इस कब्रिस्तान में ही बैठ कर अपना खाना खाते हैं और यहीं पर खेलते भी हैं। यह कब्रिस्तान स्कूल के इतना करीब है कि यदि कोई बच्चा स्कूल की चौखट से अपना पैर भी बाहर निकालता है तो उसका पांव कब्रिस्तान में ही पड़ता है। स्थानीय निवासी कहते हैं कि यह कब्रिस्तान काफी पुराना है पर इस मौहाल में ही सभी लोग पढ़ते आएं हैं और आज सभी कार्यरत हैं। जिला शिक्षा अधीक्षक रेणुका तिग्गा भी इस बारे में बिल्कुल खामोश हैं उनका कहना है कि वह पहले यहां का निरिक्षण करेंगी और उसके बाद ही इस बारे में कुछ कह पाएंगी।