दिल्ली में किराए के मकान पर रहने वालों व गरीब तबके के लोगों को सस्ते घर मुहैय्या करवाने की योजना को जल्द ही अमलीजामा पहनाया जा सकता है। दिल्ली के 95 गांवो को विकास क्षेत्रो में शामिल किया गया है। जिससे अब यह गांव दिल्ली विकास प्राधिकरण के अंदर आ जाएंगे। उपराज्यपाल की ओर से भी इन सभी गांवो की जमीनों को राजस्व विभाग में शामिल कर दिया गया है।
नई लैंड पूलिंग पॉलिसी के यूज होते ही इस जमीन पर करीब 24 लाख फ्लैट तैयार किए जाएंगे। जिससे घरों की ज्यादा कीमत होने के चलते किराए पर रहने वाले लोगों व अन्य लोगों के लिए दिल्ली में ही आशियाना बनाना आसान हो जाएगा। इस पॉलिसी में किसानों को भी लाभ की श्रेणी में रखा जाएगा।
दरअसल मई माह में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण की नई पूलिंग पॉलिसी पर मुहर लगा दी थी। वहीं दिल्ली के करीब 95 गांवो को इस पॉलिसी के तहत शहरी विकास क्षेत्र घोषित करना जरूरी था। इसके अलावा इन क्षेत्रो की जमीन को ग्राम सभा से सरकार अपने पास लेना चाहती थी, ताकि जब वह विकास कार्य करें तो किसी प्रकार की समस्यां का सामना न करना पड़े। इसके लिए सरकार ने उपराज्यपाल से मांग की थी कि वह इन गांवो की जमीन को ग्राम पंचायत से राजस्व विभाग को दे दें। ताकि शहरी विकास क्षेत्र घोषित होते ही जमीन दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकार में आ सके। उपराज्यपाल ने इस मांग को मान लिया। जिसके बाद पंचायत विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया हैं। अब इस क्षेत्र की नगर निगम दिल्ली सरकार को आवेदन भेजेगी। इससे अब साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में लाखो की संख्या में लोगों को दिल्ली में ही सस्ते फ्लैट मिल सकेंगे।