नेत्रहीन रिदा को याद हैं गीता के श्लोक

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रिदा जैहरा, यह नाम है मेरठ के एक मुस्लिम परिवार में जन्मी 8 साल की एक बच्ची का जो बचपन से ही अंधी है। इस बच्ची की यह खास बात है कि इतनी कम उम्र और देख ना पाने के बावजूद इसे गीता के श्लोक अच्छे से याद हैं। जब भी रिदा गीता के श्लोकों का उच्चारण करती है तो उसे सुनने वाले लोग इसकी आवाज के जादू में खो जाते हैं। रिदा की इस प्रतिभा से प्रभावित होकर सीएम अखिलेश यादव ने इस बच्ची को “वीर रानी लक्ष्मीबाई” पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है।

मिल चुके हैं कई पुरस्कार-

वर्तमान में रिदा ब्रजमोहन स्कूल फॉर द ब्लाइंड में कक्षा 3 में पढ़ाई कर रही हैं। अपनी प्रतिभा के बल पर रिदा अब तक कई बार सम्मानित हो चुकी हैं। 20 दिसंबर को हरियाणा के अंबाला में हुए “गीता जयंती” के विशाल प्रोग्राम में भी रिदा को सम्मानित किया गया था। इससे पहले भी मेरठ में हुए एक प्रोग्राम में रिदा को सम्मानित किया गया था, जिसमें उसने गीता के 15वें अध्याय का उच्चारण किया था। अब रिदा गीता संस्थानम विश्‍वविद्यालय कुरुक्षेत्र के भूमि पूजन में शामिल होने जा रही हैं।

क्या कहते हैं शिक्षक –

1Image Source: http://img.topyaps.com/

रिदा के स्कूल टीचर प्रवीण शर्मा बताते हैं कि स्कूल में खाना खाने के पहले और खाना खाने के बाद में गीता का श्लोक पढ़ा जाता है। इसलिए रिदा को यह श्लोक अच्छे से याद है। जब रिदा इन श्लोकों का उच्चारण करती हैं तो यकीन करना मुश्किल होता है कि वह मुस्लिम परिवार में जन्मी हैं। 8 साल की बच्ची रिदा स्कूल में सभी की चहेती हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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