स्वास्थ विभाग में हो रही लापरवाही के चर्चे तो हमे रोज ही देखने सुनने को मिल जाते है। चाहे फिर वो डॉक्टर हो, या फिर स्वास्थ विभाग का कोई भी कर्मचारी इनकी लापरवाही से होने वाली गलती की सजा बेचारे आम इंसान को भोगनी पड़ती है और अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला आया म.प्र. के दमोह अस्पताल का, जहां पर एक नवजात जिंदा बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।
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बताया जाता है कि नर्स व स्टाफ की लापरवाही के चलते एक नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया। ऐसा करके वहां के स्टाफ ने तो अपना पलड़ा झाड़ लिया पर जैसे ही बच्चे को दफनाने के लिए उनके परिवार के सदस्य ले जाने लगे, बच्चे के शरीर से अचानक हलचल होने लगी और थोड़ी ही देर बाद बच्चा चीख उठा। इससे घर के सदस्यों में खुशी की लहर फैल गई। वहीं अस्पताल के स्टाफ से होने वाली लापरवाही की पोल भी खुल गई।
डॉक्टरो के अनुसार 540 ग्राम का पैदा हुआ ये बच्चा प्री-मौच्योर था। ऐसे बच्चों के जिंदा रहने की उम्मीद काफी कम ही देखने को मिलती है। इस बच्चे को जन्म के बाद काफी समय तक वह नर्सों की देखरेख में रहा। लेकिन जब बच्चे के शरीर से काफी समय तक कोई गतिविधी नही देखी गई तो वहां पर मौजूद एक नर्स ने किसी डॉक्टर से जांच करवाए बिना ही उस बच्चे को मृत घोषित कर दिया। परिवार के द्वारा दफनाने के दौरान बच्चे के जिंदा होने की बात का पता चलना किसी बड़ी लापरवाही का संकेत है। इसके बाद बच्चे को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया।अस्पताल के द्वारा हुई इस लापरवाही के लिए प्रबंधन अब जांच कर रहा है। वहां के सिविल सर्जन भी अब इस लापरवाही के लिए दोषियों के विरूध कार्यवाही करने की बात कह रहे है।